Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में एक तरफ 14वें वित्त आयोग के संविदाकर्मी अपनी सेवा विस्तार की मांग को लेकर राजधानी रांची के बिरसा चौक पर प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस की लाठियां खा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर, राज्य की हेमंत सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत अनुबंधित संविदा कर्मियों के लिए मासिक मानदेय (Monthly honorarium) पर अपनी मुहर लगा दी है.
मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज प्रभाग) की हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी (High level monitoring committee) की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में 6 जनवरी, 2021 को 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान से पंचायतों में/ग्रामीण निवासियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए वार्षिक रख-रखाव अनुबंध (Annual Maintenance Contracts)/ सेवा अनुबंध (Service Contracts) करने पर हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी (HLMC) की बैठक की कार्यवाही पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपना अनुमोदन दिया है.
झारखंड सरकार की मुहर लगने के बाद 15वें वित्त आयोग के संविदा कर्मियों में लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर्स को मासिक मानदेय 10 हजार रुपये और जूनियर इंजीनियर को मासिक मानदेय 17 हजार रुपये दिया जायेगा. हाई लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में आवश्यकता एवं अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पंचायतों के तकनीकी कार्यों के संपादन के लिए हर प्रखंड में 2 जूनियर इंजीनियर और प्रत्येक 5-6 पंचायत में एक लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त करने का प्रस्ताव है.
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वार्षिक रख-रखाव अनुबंध / सेवा अनुबंध के लिए कर्मियों को अनुमान्य राशि का भुगतान संबंधित पंचायत 15वें वित्त आयोग की राशि से कर सकेगी. लेखा लिपिक सह कंप्यूटर ऑपरेटर तथा जूनियर इंजीनियर की शैक्षणिक योग्यता, अहर्ता, राशि भुगतान की प्रक्रिया तथा अन्य शर्तें ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) द्वारा अलग से निर्धारित की जायेगी.
वहीं, बता दें कि 14वें वित्त आयोग के संविदा कर्मी अपनी सेवा विस्तार समेत अन्य मांगों को लेकर रांची के बिरसा चौक पर पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार (22 जनवरी, 2021 ) को सीएम आवास घेराव करने जाते इन संविदा कर्मियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस लाठीचार्ज में महिला समेत कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए. दूसरी ओर, 15वें वित्त आयोग के संविदा कर्मियों के लिए मासिक मानदेय निर्धारित होने पर 14वें वित्त आयोग के संविदा कर्मियों में काफी गुस्सा है.
इन संविदा कर्मियों का कहना है कि अगर राज्य के 1600 संविदा कर्मियों की ही सेवा विस्तार करते हुए 15वें वित्त आयोग के तहत कार्य करने की अनुमति दी जाती, तो उनसे कार्य करवाने में सरकार को काफी सहूलियत होती. उनकी मांग भी है कि उन्हें सेवा विस्तार दिया जाये, ताकि 15वें वित्त आयोग के कार्य को प्रखंड और पंचायत स्तर पर आगे बढ़ाया जा सके.
Posted By : Samir Ranjan.