Jharkhand News : झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले की 10 बच्चियों, एक महिला एवं सिमडेगा जिले के एक बच्चे को दिल्ली से मुक्त कराया गया है. मानव तस्करी की शिकार हुईं ये बच्चियां पश्चिमी सिंहभूम जिले की हैं. इन बच्चियों में डेढ़ वर्ष की बच्ची भी शामिल है. मुक्त कराए गए बच्चों में एक बच्ची मात्र 8 साल की है. इस बच्ची के पिता की मृत्यु हो गई थी. उसके चार भाई-बहनों में दो भाई-बहनों का कुछ भी पता नहीं है. एक भाई अपने चाचा के साथ रहता है. इस बच्ची को दिल्ली में लगभग 1 साल पहले मानव तस्कर द्वारा बेच दिया गया था. मुक्त करायी गयी दो लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से दूसरी बार छुड़ाया गया है.
मानव तस्करी के दौरान महिला थी गर्भवती
एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र नई दिल्ली की नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि अनु (बदला हुआ नाम) की मां को दिल्ली लाया गया था. उस समय वह गर्भवती थी. उस अवस्था में किसी कारणवश वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गई थी. इसी अवस्था में उसने दिल्ली में बच्ची को जन्म दिया. बच्ची को जन्म देने के बाद वह उसे पहचान भी नहीं पा रही थी. दिल्ली पुलिस ने महिला को शॉर्ट स्टे होम में एवं बच्ची को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द कर दिया, जहां बच्ची वेलफेयर होम में रह रही थी. मां के इलाज के लगभग 1 साल बाद उसने अपनी बच्ची से मिलने की इच्छा जाहिर की. पश्चिम सिंहभूम जिला प्रशासन के सहयोग से बच्ची को उसकी मां से मिलवाया गया एवं एकीकृत पुनर्वास संसाधन केंद्र की टीम के साथ मां और उसकी बच्ची को झारखंड भेजा जा रहा है.
सरकारी योजनाओं से जोड़ी जायेंगी लड़कियां
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी जिले को सख्त निर्देश दिया गया है कि जिस भी जिले के बच्चों को दिल्ली में रेस्क्यू किया जाता है, उनका जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी एवं बाल संरक्षण पदाधिकारी द्वारा जिले में पुनर्वास किया जाएगा. इसी कड़ी में पश्चिम सिंहभूम जिले के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी अनीशा कुजूर एवं जिला बाल संरक्षण के शरद कुमार गुप्ता की टीम द्वारा पहल करते हुए दिल्ली में मुक्त की गई 10 बच्चियों एवं एक महिला एवं एक बालक को दिल्ली से स्कॉट किया गया. एस्कॉर्ट टीम में एकीकृत पुनर्वास-सह- संसाधन केंद्र की परामर्शी निर्मला खलखो एवं कार्यालय सहायक राहुल सिंह ने अहम भूमिका निभाई. सभी को ट्रेन से वापस पश्चिम सिंहभूम ले जाया जा रहा है. इन बच्चियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि बच्चियां फिर मानव तस्करी का शिकार न होने पाएं.
बच्चियों को बेचा था दलालों ने
दिल्ली से मुक्त करायी गई बच्चियों को दलाल के माध्यम से लाया गया था. झारखंड में ऐसे दलाल बहुत सक्रिय हैं, जो छोटी बच्चियों को बहला-फुसलाकर अच्छी जिंदगी जीने का लालच देकर उन्हें दिल्ली लाते हैं और विभिन्न घरों में उन्हें काम पर लगाने के बहाने से बेच देते हैं. इससे उन्हें मोटी रकम प्राप्त होती है और इन बच्चियों की जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी जाती है.
Posted By : Guru Swarup Mishra