रांची, अभिषेक रॉय : झारखंड की राजधानी रांची स्थित बरियातू के अखौरी आनंद कुमार अपने स्टार्टअप ‘एक्सपिरियंस जोन’ के जरिए लोगों को कंप्यूटर निर्मित दुनिया से जोड़ रहे हैं. वर्ष 2016 में एक आइडिया से शुरू हुए स्टार्टअप ने अब बड़ा स्वरूप ले लिया है. रांची समेत देश के विभिन्न शहर के लाखों लोग अपनी पसंद के अनुसार इससे जुड़ रहे हैं. खास बात यह है कि कंपनी के मेंटॉर गूगल इंडिया के निदेशक मीडिया सर्विसेस शुभ्रदीप गुहा और डॉ एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के वीसी डॉ प्रदीप कुमार मिश्रा हैं. अखौरी आनंद का एक्सपीरियंस जोन लोगों को उनकी पसंद की जगह का अनुभव घर बैठे करा रही हैं. इसके लिए खास जगह का चिह्नित करने की जरूरत है. फोटो और वीडियो के साथ कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के जरिये तैयार हुआ कंप्यूटर वर्चुअल वर्ल्ड 360 डिग्री में उस जगह का अनुभव करा देगा. इसके लिए व्यक्ति को केवल वीआर ग्लास पहनना होगा.
ऑगमेंटेड रियलिटी पर हो रहा काम
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, डिजाइन, प्रोग्रामिंग और कोडिंग के साथ आनंद की टीम लोगों के लिए वीआर- एआर वर्ल्ड के कंटेंट तैयार करने में जुटी है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के साथ-साथ अब वर्चुअल रियलिटी (वीआर) और ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) आम दिनों का हिस्सा हैं. वीआर को जहां परिकल्पना के आधार पर तैयार कर उपकरण के जरिये देखा जा सकता है, वहीं एआर इससे एक कदम आगे है. यह किसी भी वास्तविक डाटा को सॉफ्टवेयर के जरिये वास्तविक रूप दे सकती है. आनंद की कंपनी अब ऑगमेंटेड रियलिटी पर भी काम कर रही है. इसमें किसी व्यक्ति विशेष जिनके साथ दूरी बन गयी हो, के फोटो और वीडियो डाटा का इस्तेमाल कर स्वरूप दिया जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर व माेबाइल एप्लीकेशन से पूरी की जा रही है.
श्रावणी मेला और पितृपक्ष अनुष्ठान में हिट हुआ आइडिया
एनिमेशन और कार्टून के शौकीन रहे अमित कहते हैं कि कंप्यूटर साइंस में रुचि थी. इसलिए एमसीए की पढ़ाई के साथ डिप्लोमा इन एनिमेशन पूरा किया. इससे राज कॉमिक्स के एनिमेशन स्टूडियो से जुड़ गये. दिल्ली की एक मल्टीमीडिया कंसल्टिंग में काम करते हुए वीआर-एआर से 2015 में परिचित हुए. इसके बाद खुद के स्टार्टअप में जुट गये. इसकी शुरुआत 2017 में मोमेंटम झारखंड से की. जहां कार्यक्रम के लोगो उड़ता हाथी को वीआर-एआर में बदला. इससे राज्य सरकार की नजर में आये और 2018 के श्रावणी मेला, देवघर के लिए वीआर-एआर जोन तैयार किया. जहां श्रद्धालुओं ने वीआर की मदद से देवघर बाबा धाम में जलाभिषेक करने के साथ 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन किये, साथ ही एप की मदद से भगवान शिव के विभिन्न रूपों के साथ सेल्फी ली. इसके बाद 2018 में झारखंड के विभिन्न पर्यटनस्थल जैसे बासुकीनाथ, पारसनाथ, नेतरहाट समेत अन्य दार्शनिक स्थलों का वीअर कंटेंट तैयार किया. अखौरी आनंद के काम को देखते हुए 2019 में बिहार सरकार ने गया पितृपक्ष अनुष्ठान में मौका दिया, जहां 45000 से अधिक लोग एआर की मदद से अपने पूर्वजों को वास्तविक रूप में देख सके.
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हाल ही में एक्सपीरियंस जोन ने इंडस्ट्री 4.0 के तहत नॉर्देन कोल फिल्ड लि (एनसीएल) के लिए वीआर तैयार किया है, जिससे खदान में काम कर रहे मजदूरों को आपात काल में बचाव का प्रशिक्षण मिल सकें. आनंद न बताया कि कोरोना काल में जब काम ठप हुआ, उस बीच अपने काम में नये एक्सपेरिमेंट किये. एजुकेशन सेक्टर के लिए वीआर इमर्सिव कंटेंट यानी छोटे बच्चों के लिए देखकर सीखने वाले कंटेंट तैयार किये. स्कूल से दूर हुए बच्चे खासकर कक्षा पहली से तीसरी के सब्जेक्टिव नॉलेज को वीआर में बदला, इससे बच्चे देखकर रियल क्लास को अनुभव कर रहे हैं.