खनन लीज मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजे जाने के बाद से राजनीतिक तपिश बढ़ गयी है. दूसरी तरफ इडी द्वारा डीजीपी को भेजे गये पत्र के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने रांची एसएसपी को सुरक्षा को लेकर एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया. इसके बाद रांची पुलिस ने राजभवन, हरमू रोड स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय और एयरपोर्ट रोड स्थित इडी कार्यालय और मोरहाबादी में होनेवाली रैली के मद्देनजर बुधवार की शाम सुरक्षा बलों की तैनाती का निर्णय लिया है.
गुरुवार की सुबह करीब दो हजार पुलिसकर्मियों को उक्त स्थानों पर तैनात किया जायेगा. इनमें रैपिड एक्शन पुलिस, जैप की इको कंपनी, जैप-2 और जैप-10 के अलावा रांची जिला बल और अन्य फोर्स के जवान शामिल रहेंगे. इसके अलावा शहर के विभिन्न मुख्य चौक-चौराहों पर भी सुरक्षा बलों की तैनाती की जायेगी. कुल मिलाकर तीन हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जायेगी. जरूरत के मुताबिक, मोरहाबादी स्थित संभावित रैली स्थल व भाजपा कार्यालय के पास बैरिकेडिंग भी की जायेगी. बाहर से आने वाले लोगों के शहर में प्रवेश को लेकर अधिकारियों के बीच विचार-विमर्श किया जा रहा है.
लोगों की निगाहें अब राजभवन पर भी हैं. चर्चा है कि श्री सोरेन के तीन नवंबर को इडी कार्यालय में उपस्थित होने या नहीं होने की स्थिति देखने के बाद राजभवन कोई कदम उठा सकता है. राज्यपाल रमेश बैस ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि झारखंड में भी एक-आध एटम बम फट सकता है. खनन लीज मामले में 25 अगस्त 2022 को ही चुनाव आयोग अपना मंतव्य राज्यपाल रमेश बैस को भेज चुका है. राज्यपाल ने कहा है कि इस मामले में वह विशेषज्ञों से दुबारा राय ले रहे हैं.
इधर, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल लिफाफा तो खोलते नहीं, सिर्फ मुंह से बोल रहे हैं. इन षड्यंत्रों का जवाब प्रदेश का हर बच्चा, किसान, मजदूर, बुजुर्ग, महिला, विधवा सहित अन्य लोग देंगे.