रांची: ईडी ने अवैध खनन मामले की जांच में पाया कि साहिबगंज में अवैध खनन कर निकाले गये स्टोन चिप्स को 3782 रेल रैक के सहारे दूसरे राज्यों में भेजा गया. इसमें से 3,531 रैक साहिबगंज के लोडिंग प्वाइंट से और 251 रैक बिहार के पीरपैंती रेलवे साइडिंग से भेजे गये. रेलवे को माइनिंग चालान और अन्य वैध दस्तावेज नहीं दिये गये. इस्टर्न रेलवे के पीरपैंती रेलवे साइडिंग से सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 251 रैक पत्थर भेजा. इस कंपनी ने प्रेमप्रकाश की कंपनी के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये. प्रेम प्रकाश ने अमित अग्रवाल की कंपनी अरोड़ा स्टूडियो के खाते में भी रकम ट्रांसफर की थी.
साहिबगंज के आठ लोडिंग प्वाइंट से 6,492 रेल रैक के सहारे स्टोन चिप्स और बोल्डर दूसरे राज्यों में भेजे गये थे. इसमें से 3,531 रेल रैक से भेजे गये स्टोन चिप्स के लिए वैध दस्तावेज का इस्तेमाल नहीं किया गया था. जिले में सक्रिय पत्थर माफिया ने अप्रैल 20 से मार्च 2022 तक की अवधि में ही 3,531 रैक बुक किया. सबसे ज्यादा 1,337 रेलवे रैक बाकुडीह लोडिंग प्वाइंट से बुक किया गया.
बरबहरा के लोडिंग प्वाइंट से भी 718 रेल रैक बुक किये गये. दो साल के अंदर 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन किये गये. जांच के दौरान प्रेमप्रकाश की कंपनियों में भी करोड़ों के लेन-देन का मामला पकड़ में आया. उसके कर्मचारी अनिल झा ने जांच में स्वीकारा था कि वह प्रेम प्रकाश के निर्देश पर 10 लाख से पांच करोड़ रुपये तक नकद लाकर उन्हें देता था.
लेन-देन को लेकर प्रेम प्रकाश और संबंधित लोगों के बीच आइफोन के ‘फेस टाइम’ एप्लिकेशन पर बातचीत होती थी. पीपी की कंपनियों में करोड़ रुपये नकद जमा करने का मामला पकड़ में आया. उसने अपनी हर्बल ग्रीन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खाते में जमा पांच करोड़ रुपये से अधिक नकद राशि को शराब के व्यापार के मुनाफे में मिला हिस्सा बताया. हालांकि इसे कागजी तौर पर साबित करने में वह असमर्थ रहा.
प्रेम प्रकाश यानी पीपी की कंपनी के खाते से मेसर्स अरोड़ा स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के खाते में पांच करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर हुए थे. यह कंपनी कोलकाता के व्यापारी अमित अग्रवाल की है. प्रेम प्रकाश की कंपनी और लक्ष्मी ग्लोबल्स कंपनी के बीच करोड़ों का लेन-देन हुआ है. लक्ष्मी ग्लोबल्स से मिले पांच करोड़ रुपये को प्रेम प्रकाश ने अपने मित्र संजीव चौधरी के लिए लिया गया कर्ज बताया.
हालांकि वह कर्ज से संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका. जांच में पाया गया कि संजीव चौधरी सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड नामक कंपनी का निदेशक है. इस्टर्न रेलवे से मांगे गये ब्योरे से इसकी जानकारी मिली है कि सीटीएस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने स्टोन चिप्स की ढुलाई के लिए पीरपैंती रेलवे साइडिंग से वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2022-23 की अवधि में कुल 268 रैक बुक किया था. इसमें से सिर्फ 17 रैक के मामले में वैध दस्तावेज दिया गया था. शेष 251 रैक से स्टोन चिप्स ढुलाई के लिए कंपनी ने माइनिंग चालान सहित किसी भी तरह का वैध दस्तावेज नहीं दिया था. कंपनी ने पीरपैंती रेलवे साइडिंग से सबसे ज्यादा 117 रैक वित्तीय वर्ष 2018-19 में बुक किया था.
मिर्जा चौकी 177
साहिबगंज 395
सकरी गली 789
महाराजपुर 52
लोडिंग प्वाइंट रैक
तीनपहाड़ 11
राजमहल 52
बाकुडीह 1337
बरहरवा 718
रिपोर्ट- शकील अख्तर