ईडी की ओर से सीएम को समन जारी किये जाने के बाद बुधवार की शाम में सीएम आवास में यूपीए विधायकों की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इडी की ओर से भेजे गये समन की जानकारी दी. इसके बाद इडी के खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन करने का निर्णय लिया गया. इसके तहत पांच नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि तीन नवंबर को मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव में शामिल होंगे. पहले से उनका कार्यक्रम तय है. इस मामले में मुख्यमंत्री विधि विशेषज्ञों से राय भी लेंगे. इधर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने गुरुवार को ईडी के समक्ष हाजिर नहीं होने की पुष्टि की.
श्री ठाकुर ने इडी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक राज्य के मुख्यमंत्री को बुलाया जा रहा है, तो पहले मुख्यमंत्री से ईडी के अधिकारियों को पूछना चाहिए था कि किस दिन उन्हें आने में सहूलियत होगी. श्री ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री ईडी के समक्ष हाजिर होंगे और पूरा सहयोग करेंगे. हम लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास करते हैं, लेकिन ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है.
इसके बावजूद लोकतांत्रिक और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ईडी के समक्ष उपस्थित होंगे और सभी सवालों का जवाब भी देंगे. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि भाजपा एक चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने की साजिश कर रही है. इसके लिए इडी को हथियार बनाया जा रहा है. हम जनता की अदालत में जायेंगे और जनता ही इन्हें सबक सिखायेगी.
मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि सीएम कोई खिलौना नहीं है कि जब बुलायें, तुरंत दौड़े चले जायें. वह एक संवैधानिक पद पर हैं. ऐसे में ईडी को भी उसी हिसाब से बात करके समय देना चाहिए. फिलहाल मुख्यमंत्री विधि विशेषज्ञों से राय लेंगे. इसके बाद वह किसी दिन इडी के समन पर हाजिर होंगे.
कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि बैठक में इडी की कार्रवाई के संबंध पर चर्चा हुई है. यह तय हुआ है कि सड़क से लेकर सदन तक विपक्ष की साजिश को नाकाम किया जायेगा. विपक्ष द्वारा की जा रही साजिश को जनता के समक्ष रखा जायेगा, ताकि इनका पर्दाफाश हो सके.