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CM हेमंत का बड़ा फैसला, अवैध खनिजों की ढुलाई में रेलवे की भूमिका की होगी जांच, रेल मंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर कहा है मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्चस्तरीय जांच समिति के सहयोग के लिए निर्देशित किया जाएगा

Jharkhand News: अवैध खनिजों की ढुलाई में रेलवे की भूमिका की जांच के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्चस्तरीय समिति गठित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने इसकी सूचना केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर दी है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन व इसके परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता और संबंधित बिंदुओं की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया गया है.

मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आपके द्वारा रेलवे के पदाधिकारियों को इस उच्चस्तरीय जांच समिति को पूर्ण सहयोग करने के लिए निर्देशित किया जायेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लिखा है कि दूसरे राज्यों की तरह झारखंड भी अवैध खनन के दंश झेलने के लिए विगत कई दशकों से अभिशप्त है. मैं झारखंड से अवैध खनन को समाप्त करने के लिए कृतसंकल्प हूं.

सीएम ने लिखा है कि जिम्स प्रणाली को प्रभावी किया गया है, जिससे राज्य के राजस्व में वृद्धि हुई है. उन्होंने लिखा है कि सड़क मार्ग की उचित निगरानी की जा रही है. पर रेलवे द्वारा अवैध खनन के परिवहन की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों में सहयोग नहीं किया जा रहा है. रेलवे ने लौह अयस्क को छोड़कर अन्य किसी खनिज संपदा के लिए अपने सॉफ्टवेयर को जिम्स पोर्टल से इंटीग्रेट नहीं किया है. कोयला मंत्री के साथ हुई बैठक में भी मेरे द्वारा यह मामला उठाया गया. इसके बावजूद कोयला का परिवहन अभी भी रेलवे द्वारा जिम्स पोर्टल से इंटीग्रेट किये बगैर हो रहा है.

जिम्स पोर्टल से रेलवे एफआइओएस सिस्टम को जोड़ें

सीएम ने यह भी अनुरोध किया है कि द झारखंड मिनरल्स (प्रीवेंशन ऑफ इलीगल माइनिंग, ट्रांसपोटेशन एंड स्टोरेज) रूल्स 2017 के प्रभावी क्रियान्वयन एवं राज्य सरकार के झारखंड इंटीग्रेटेड माइंस एंड मिनरल्स मैनेजमेंट सिस्टम (जिम्स) द्वारा निर्गत वैध चालान के बिना कोई मिनरल का ट्रांसपोर्टेशन नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए अविलंब जिम्स पोर्टल से रेलवे एफआइओएस सिस्टम को जोड़ने की कार्रवाई का भी निर्देश दिया जाये.

कहा : रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालन के खनिज का परिवहन किया गया है

सीएम ने लिखा है कि विगत दिनों इडी द्वारा साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन की जांच के दौरान दो वर्षों में साहिबगंज जिले से विभिन्न नौ लोडिंग प्वाइंट्स से 3531 से भी अधिक रेलवे रैक से बगैर चालान के पत्थर के परिवहन का आरोप लगाया गया है. अवैध परिवहन की रोकथाम से संबंधित द झारखंड मिनरल्स रूल्स 2017 के अधिसूचित होने के उपरांत इसका अनुपालन रेलमार्ग से हो रहे खनिज परिवहन के लिए भी किया जाना है.

इस संदर्भ में खान सचिव द्वारा कई पत्राचार किये गये हैं एवं विभिन्न जिलास्तरीय पत्रों के माध्यम से वैध ई-चालान के साथ खनिजों के परिवहन के लिए निर्देश निर्गत किये गये हैं. इस सभी प्रयासों के बावजूद भी इस प्रकार की सूचनाएं प्राप्त हो रही है कि रेलवे के माध्यम से बिना वैध चालन के खनिज का परिवहन/प्रेषण किया गया है, अत: इस अनियमितता में रेलवे के अधिकारियों की संलिप्तता परिलक्षित होती है.

स्पष्ट होता है कि झारखंड में अवैध खनन को बढ़ावा देने में रेलवे व इनके पदाधिकारियों की संलिप्तता प्रतीत होती है एवं एक साजिश के तहत रेलवे द्वारा झारखंड राज्य के जिम्स पोर्टल से अपने एफआइओएस को इंटीग्रेट नहीं किया जा रहा है व फर्जी चालान के आधार पर खनिज संपदा का रेल मार्ग से परिवहन किया जा रहा है.

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