Jharkhand news: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को लेकर उत्पन्न चुनौतियों और उससे निपटने की तैयारियों को पर पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग ऑनलाइन चर्चा की. इस उच्च स्तरीय बैठक में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने भी शिरकत की. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है, उसको लेकर हमें बेहद सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कोरोना से निपटने का सबसे सशक्त हथियार वैक्सीनेशन को बताया. कहा कि राज्यों के सहयोग से एक बार फिर हम कोविड-19 से जीतकर अवश्य निकलेंगे. वहीं, सीएम हेमंत साेरेन ने कहा कि झारखंड में संक्रमण के अधिकतर मामले राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों से आ रहे हैं. यहां भी निगरानी के साथ जांच की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए.
PM-CM की ऑनलाइन बैठक में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ बेहतर प्रबंधन के जरिए कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर को काफी हद तक काबू किया है. उसी तरह तीसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक और ठोस कदम उठाये जा रहे हैं. स्कूल- कॉलेज, जिम, पार्क समेत वैसे सभी संस्थान और सार्वजनिक स्थल बंद कर दिये गये हैं, जहां से संक्रमण के फैलने का खतरा अधिक है. भीड़-भाड़ नहीं लगे, इस दिशा में भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये हैं. इसके अलावा कोविड-19 महामारी से बचाव का सबसे तरीका सतर्कता और सावधानी बरतना है. इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के साथ उन्हें कोविड-19 दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है.
उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि कुछ ऐसे लोग जो वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके हैं, उन्हें लगता है कि वे अब संक्रमित नहीं होंगे. इस वजह से सार्वजनिक स्थलों, बाजारों और सड़कों पर बिना एहतियात बरतें मूवमेंट करते रहते हैं. ऐसे लोगों में भी कुछ संक्रमित होते हैं, जो दूसरों को संक्रमित करने का काम कर रहे हैं. इन लोगों की पहचान कर इनके मूवमेंट पर रोक लगाने के लिए व्यापक रणनीति बनाने पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर पहल करें, तभी कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में हम सक्षम होंगे.
Also Read: 4 दिनों से RT-PCR जांच रिपोर्ट पेंडिंग, कोडरमा में कोरोना संक्रमण का पता लगाना हुआ मुश्किलसीएम श्री सोरेन ने कहा कि पिछड़ापन और भौगोलिक क्षेत्र जटिल होने के कारण झारखंड में कोविड-19 टीकाकरण में थोड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. लेकिन, बेहतर रणनीति बनाकर जांच में तेजी लाने के साथ अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण करने का कार्य तेज गति से चल रहा है. कहा कि राज्य में अब तक 80 फीसदी लोगों को पहला टीका लग चुका है. वहीं, दूसरा डोज लेने वालों की संख्या 50 फीसदी है. इसके अलावा 15 से 18 वर्ष के लगभग 22 फीसदी किशोरों ने टीके की पहली डोज ले ली है.
उन्होंने कहा कि टीकाकरण में तेजी लाने के लिए 150 मोबाइल टीकाकरण वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके माध्यम से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में लोगों को टीका लगाने का काम हो रहा है. राज्य में अब तक 30,000 लोग बूस्टर डोज ले चुके हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि तीसरी लहर को देखते हुए कोविड-19 जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. पहले जहां सामान्य रूप से पूरे राज्य में 30 से 35 हजार सैंपल की जांच होती थी, वहीं आज 80 हजार कोरोना जांच हो रही है. जांच के लिए कई जिलों में RT-PCR के साथ अत्याधुनिक कोबास मशीन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित की सतत निगरानी के साथ बेहतर उपचार और मेडिकल किट की भी व्यवस्था की गई है.
Also Read: Jharkhand News: गढ़वा के रमकंडा में 90 फीसदी मतदाताओं को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज, 45 फीसदी को दूसरी डोजउन्होंने कहा कि झारखंड में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. लेकिन, इससे निपटने के लिए सरकार ने जो कार्य योजना बनायी है, उस वजह से कहीं भी किसी तरह का अफरा-तफरी और भय का माहौल नहीं है. कहा कि 25 दिसंबर से अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से राज्य भर में 34 मौतें हुई है, लेकिन इनमें से 24 वैसे लोग शामिल हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा थी. इसके अलावा अन्य मृतक भी किसी न किसी को गंभीर बीमारी से ग्रसित थे. किसी भी व्यक्ति की मौत सिर्फ कोरोना की वजह से नहीं हुई है.
इस बैठक में सीएम श्री सोरेन ने राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए की गई तैयारियों को साझा करते हुए कहा कि कोरोना के शुरुआती चरण में यहां के हॉस्पिटल और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में 2500 बेड थे, जो आज बढ़कर 25,000 हो गई है. इसके अलावा जिलों के साथ प्रखंडों में भी PSA प्लांट लग चुके हैं, ताकि ऑक्सीजन की किल्लत मरीजों को ना हो. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. कहा कि राज्य में फिलहाल करीब 31 हजार सक्रिय मामले हैं. वही, करीब 1100 संक्रमित अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें से मात्र 250 मरीजों को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक रमेश घोलप मौजूद थे.
Posted By: Samir Ranjan.