रांची, संजीव सिंह : सत्र 2023-24 से अब इंटीग्रेटेड बीएड की पढ़ाई अनिवार्य की जा रही है. इस कोर्स में नामांकन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगा. एनसीटीइ ने दो वर्षीय बीएड की जगह अब शैक्षणिक सत्र 2023-24 से पूरे देश में आइआइटी, एनआइटी, केंद्र और राज्य सरकार के विवि और सरकारी कॉलेजों में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आइटीइपी) शुरू किया है. यह नयी शिक्षा नीति के तहत प्रमुख कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम के तहत बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कोर्स को शामिल किया जायेगा. इसके माध्यम से फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5 3 3 4) स्कूलों के लिए शिक्षकों को तैयार किया जायेगा. यह कोर्स सभी छात्रों के लिए होगा, जो प्लस टू के बाद अध्यापन को पेशे के रूप में चुनना चाहते हैं.
इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान स्नातक में आवश्यक पांच वर्षों के बजाय चार वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा कर एक वर्ष बचा सकेंगे. एनसीटीइ के सदस्य सचिव केवाइ शेरपा ने कहा है कि इस कोर्स में नामांकन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से होगा. इसकी परीक्षा ऑनलाइन होगी. इसका विज्ञापन शीघ्र ही जारी होगा. श्री शेरपा ने कहा है कि संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए 31 मई 2023 तक एनसीटीइ के पास आवेदन कर सकते हैं.
आइटीइपी चार शैक्षणिक वर्ष का होगा, जिसमें इंटर्नशिप सहित आठ सेमेस्टर शामिल होंगे. कोई भी छात्र किसी सेमेस्टर को पूरा करने में असमर्थ रहता है या किसी सेमेस्टर की अंतिम परीक्षा में शामिल नहीं हो सका हो, तो उसे कार्यक्रम में प्रवेश की तारीख से अधिकतम छह साल की अवधि के भीतर कार्यक्रम पूरा करने की अनुमति रहेगी. एक सेमेस्टर में प्रवेश की अवधि को छोड़कर परीक्षाओं की अवधि सहित कम से कम 125 कार्य दिवस होंगे. एक सप्ताह के अंतर्गत कम से कम 40 घंटे काम होंगे. विद्यार्थियों की क्लास में उपस्थिति 80 प्रतिशत व इंटर्नशिप सहित 90 प्रतिशत होनी चाहिए.
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