रांची: नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. इसमें पूरे देश से भारतीय वन सेवा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में झारखंड के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) संजय श्रीवास्तव आमंत्रित थे. अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में 33 फीसदी से अधिक हरियाली है. हरा-भरा होने के बावजूद राज्य में जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है. उत्तरी-पश्चिमी जिलों गढ़वा, लातेहार व पलामू में औसत तापमान का बढ़ना, बारिश घटना, जंगलों में आग को इसके परिणाम के तौर पर देखा जा रहा है. अच्छी बात ये है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है. हरित हाइड्रोजन की दिशा में पहल करते हुए उद्योग विभाग ने टाटा समूह की कंपनी के साथ जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंजन निर्माण की यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू किया है.
झारखंड में की गयी है हरित हाइड्रोजन की सराहनीय पहल
झारखंड के पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव को नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में जलवायु उत्तरदायी कार्यों, नीतियों व विधानों पर झारखंड में हो रहे कार्यों पर विचार रखने के लिए देश में भारतीय वन सेवा के एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में आमंत्रित किया गया था. पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव ने अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों-ग्रीन हाउस प्रभाव, कृषि जीवाश्म ईंधन का प्रयोग, जंगलों की कटाई, कारखाने और अन्य प्रकार के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए झारखंड में हरित हाइड्रोजन, जैव इंधन व नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में अच्छी पहल की गयी है.
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झारखंड में नई सौर ऊर्जा नीति लागू
अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए झारखंड के पीसीसीएफ संजय श्रीवास्तव ने कहा कि हरित हाइड्रोजन की दिशा में पहल करते हुए उद्योग विभाग ने टाटा समूह की कंपनी के साथ जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंजन निर्माण की यूनिट स्थापित करने के लिए एमओयू किया है. झारखंड सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में योगदान के लिए नई सौर ऊर्जा नीति लागू की है.