रांची : झारखंड में अब एक पंजीयन के आधार पर विद्यार्थी कहीं भी मैट्रिक, इंटर की परीक्षा दे सकेंगे. यह व्यवस्था विद्यार्थी के माता-पिता के स्थानांतरण की स्थिति में ही लागू होगी. इसके अलावा एक पंजीयन के आधार पर अब विद्यार्थी अधिकतम तीन वर्ष परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. इसके बाद विद्यार्थी को नये सिरे पंजीयन करना होगा. वर्तमान में तीन वर्ष के बाद भी पंजीयन को आगे बढ़ाने का प्रावधान था. व्यावसायिक परीक्षा में पूर्व का प्रावधान जारी रहेगा.
यह निर्णय गुरुवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक बोर्ड) की बैठक में लिया गया. बोर्ड ने जैक में आइटी सेल के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी. मैट्रिक, इंटर के परीक्षार्थियों का इंप्रूवमेंट परीक्षा अब चालू वर्ष में ही संपूरक परीक्षा के साथ ली जायेगी. वर्तमान में एक वर्ष बाद ली जाती थी. बैठक में आठ हाइस्कूल, दो इंटर कॉलेज के स्थायी मान्यता, एक इंटर कॉलेज व तीन हाइस्कूल के अस्थायी मान्यता के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गयी. बैठक में जैक के अध्यक्ष डॉ अनिल महतो, विधायक नारायण दास, जैक सचिव एसडी तिग्गा समेत बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
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बोर्ड ने मदरसा व मध्यमा की परीक्षा मैट्रिक-इंटर की तर्ज पर ओएमआर शीट व उत्तरपुस्तिका दोनों पर लेने का निर्णय लिया है. यह भी तय हुआ कि मध्यमा परीक्षा में अब पास मार्क्स न्यूनतम 33 फीसदी होगा. इससे पहले परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम 30 फीसदी अंक लाना अनिवार्य था. बैठक में इंटर कॉलेजों में सीट बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया.
राज्य में आइटीआइ की परीक्षा को मैट्रिक व इंटर के समतुल्य करने की तैयारी है. आइटीआइ में भाषा की परीक्षा नहीं ली जताी है. श्रम विभाग द्वारा जैक को भाषा की परीक्षा लेने के प्रस्ताव भेजा गया था. जैक बोर्ड की बैठक में श्रम विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. अब आइटीआइ के विद्यार्थियों के भाषा की परीक्षा जैक द्वारा ली जायेगी.
राज्य में पारा शिक्षक के निधन पर उनके आश्रित को अनुकंपा पर शिक्षक की ही नौकरी मिलेगी. आश्रित को शिक्षक प्रशिक्षण से लेकर जेटेट भी पास करनी होगी. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस संबंध में जिलों को दिशा-निर्देश भेजा है. ‘सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली-2021’ में इसका प्रावधान किया गया था. नियमावली लागू होने के बाद लगभग 200 पारा शिक्षकों का निधन हुआ है , लेकिन अब तक दिशा-निर्देश जारी न होने से आश्रितों को नौकरी नहीं मिल पा रही थी. इधर, झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक महासंघ के संयोजक विनोद तिवारी ने कहा है कि परियोजना द्वारा जारी पत्र के अनुरूप एक भी शिक्षक के आश्रित को नौकरी नहीं मिल पायेगी.