रांची, अभिषेक रॉय : लगभग तीन वर्षों के बाद जगन्नाथपुर में रथ यात्रा मेला अपने पुराने स्वरूप में दिखेगा. इसे लेकर राजधानीवासियों में उत्साह है. सभी जगन्नाथपुर मेले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. क्योंकि यह मेला न सिर्फ मनोरंजन का बल्कि धार्मिक आस्था और परंपराओं का भी एक समागम है. 19 जून से दो जुलाई तक लगनेवाले मेला में वह सब कुछ होगा, जो कोरोना काल के पहले हुआ करता था. जबकि इस बार मेला की भव्यता और अधिक नजर आयेगी. जगन्नाथपुर का रथ यात्रा मेला धार्मिक आस्था के प्रतीक के साथ-साथ यहां की सांस्कृतिक विविधता को भी बखूबी दर्शाता है. लगभग चार एकड़ की परिधि में मेला की तैयारी चल रही है. महीने भर पहले से ही मेला आकार ले रहा है. इस वर्ष जगन्नाथपुर रथ मेला में कई नये झूले नजर आयेंगे, जिसे लोगों ने अब तक टीवी पर देखा होगा. इसमें सुनामी औरथ्रीस-बी झूला पहली बार रांची आ रहे हैं. सुनामी झूला ऊंचाई पर बवंडर का अहसास करायेगा.
मेला परिसर को खास लाइटिंग से सजाया जा रहा है. इसके लिए 100 केबी के चार जेनरेटर की व्यवस्था की जा रही है. इससे न सिर्फ झूले बल्कि मीना बाजार भी सुसज्जित होगा. शाम में मेला के साथ इसकी लाइटिंग सबको आकर्षित करेगी. पैनी सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की सजगता के साथ सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे में लगाये जायेंगे.
चार एकड़ में फैले जगन्नाथपुर मेला परिसर में झूले व अन्य स्टॉल को स्थापित करने में 1000 से अधिक कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं. एक झूले में 12 से 15 स्टाफ काम कर रहे हैं, जिससे 100 लोगों से अधिक का परिवार जुड़ा हुआ है.
इस वर्ष 50 से अधिक झूले लगाये जा रहे हैं. इन झूले में चार वर्ष के बच्चे से लेकर 65 वर्ष तक के बुजुर्ग को चढ़ने की अनुमति होगी. बच्चों के लिए जहां ट्रेन, मिक्की हाउस, जंपिंग, धूम बाइक, ड्रैगन और हेलीकॉप्टर जैसे दर्जनों झूले होंगे. वहीं बड़ों और बुजुर्गों के लिए 18 से लेकर 120 फीट ऊंचे टावर झूले लगाये जा रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 20 से अधिक झूले मेला परिसर में लगाये जा रहे हैं, ताकि लोगों को झूले का आनंद लेने के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े.
इस वर्ष जगन्नाथपुर रथ मेला को लेकर टेंडर निकाला गया था. अंतिम रूप से पश्चिम बंगाल के राजू चंद्रा ने 76 लाख रुपये में टेंडर हासिल किया. मेला व्यवस्थापक अब्दुल सलाम ने बताया कि इस वर्ष मेला से एक करोड़ रुपये से अधिक कमाई का अनुमान है. झूले के टिकट की रेंज 30-150 रुपये होगी.
इस वर्ष अधिक झूले लग रहे हैं. मेला परिसर में अब तक जहां सात टावर झूले लगाये गये थे, वहीं अब 11 होंगे. ब्रेक डांस दो लगते थे, जो इस बार सात होंगे. दो टोरा-टोरा की जगह अब चार लगेंगे. तीन मौत का कुआं अलग-अलग आकार के होंगे. बच्चाें के झूले जो आठ होते थे अब 15 से अधिक होंगे. ड्रैगन ट्रेन जो दो लगते थे, इस बार इसकी संख्या चार है. बीते वर्ष तक जहां तीन नाव झूला लगा था, इस बार 10 नाव झूला अलग-अलग आकार के लगाये जा रहे हैं.
जगन्नाथपुर मेला में इस वर्ष दो झूला आकर्षण का केंद्र बोगा. कर्नाटक के रास्ते रांची शहर में पहली बार सुनामी और थ्रीस-बी झूला लगाने की तैयारी है. दोनों ही झूले 70 फीट की ऊंचाई पर लोगों को बवंडर की तरह घुमायेंगे. यह दोनों झूला एक-एक लगाये जा रहे हैं. वहीं हथौड़े के आकार के दो रेंजर झूले 70 फीट की ऊंचाई पर 70 फीट की परिधि में 360 डिग्री घुमायेंगे.
मेला परिसर का खास आकर्षण टावर झूला होगा, जिसका रोमांच मेला परिसर में प्रवेश के साथ ही महसूस होने लगेगा. इस वर्ष कुल 11 टावर झूले लगाये जा रहे हैं. इनमें बच्चों के लिए 18 फीट का हाथ से चलनेवाला टावर झूला से लेकर मोटर से चलने वाला 120 फीट ऊंचा झूला है. यह ऊंचाई प्लेटफॉर्म के ऊपर की है. इसकी खासियत है कि इसमें 28 ट्रॉलियां होगी. साथ ही 26 सीटर वाले छह और 18 सीटर वाले तीन टावर झूले आकार लेने लगे हैं.