Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन के तहत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में झारखंड में 22 लाख घरों तक पाइप लाइन के माध्यम से नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. चालू वित्तीय वर्ष के दो महीने गुजर जाने के बाद भी इसकी प्रगति काफी धीमी है. दो माह में मात्र डेढ़ फीसदी से भी कम घरों में नल से जल पहुंचाया जा सका है. अप्रैल और मई, 2022 को मिलाकर देखा जाए, तो अब तक 28,085 घरों में पानी पहुंचा है.
राज्यों में नल जल योजना की स्थिति
इस योजना के तहत लातेहार जिले की स्थित सबसे खराब है. पिछले दो माह में जिले के सिर्फ 86 घरों में ही पानी पहुंचाया गया है. वहीं, धनबाद और पूर्वी सिंहभूम में क्रमश: 3,336 और 3,198 घरों तक नल से जल पहुंचा है.
दो माह में जिलावार घरों तक पानी पहुंचने की स्थिति
जिला : संख्या
धनबाद : 3,336
पूर्वी सिंहभूम : 3,198
पश्चिम सिंहभूम : 2,511
गढ़वा : 2,256
कोडरमा : 1,745
रांची : 1,682
दुमका : 1,449
बोकारो : 1,364
हजारीबाग : 1,206
सिमडेगा : 1,157
गोड्डा : 1,059
गिरिडीह : 962
गुमला : 854
सरायकेला- खरसावां : 702
रामगढ़ : 683
पलामू : 652
खूंटी : 394
साहिबगंज : 370
चतरा : 352
जामताड़ा : 276
पाकुड़ : 263
लोहरदगा : 128
लातेहार : 86
कुल : 28,085
योजनाओं की प्रगति धीमी
चालू वित्तीय वर्ष में पेयजल की एक भी नयी योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है. वहीं, पूर्व से चल रहीं योजनाओं की प्रगति भी काफी धीमी है. शिड्यूल ऑफ रेट (Schedule Off Rate- SOR) कम होने की वजह से ठेकेदार भी नयी योजनाओं में अपनी रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इन ठेकेदारों के अनुसार, योजनाओं में प्रयुक्त होनेवाली वस्तुओं की कीमत में 28 से 30 फीसदी की वृद्धि हुई है.
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बजट में प्रावधान
विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 113 बहु ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं और 38 हजार लघु ग्रामीण जलापूर्ति की नयी योजनाओं को शुरू करने का प्रावधान बजट में किया है. इसके लिए राज्य मद से 1530 करोड़ और केंद्र मद से 1579 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
2024 तक 59.23 लाख घरों तक पहुंचाना है पानी
जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार को वर्ष 2024 तक 59.23 लाख घों तक नल से जल पहुंचाना है. लेकिन, अब तक 11.90 लाख घरों तक ही पानी पहुंचाया जा सका है. विभाग ने अब तक सिर्फ 20 फीसदी लक्ष्य ही हासिल कर पाया है. झारखंड राष्ट्रीय औसत से करीब 30 प्रतिशत पीछे चल रहा है. नल से जल पहुंचाने में राष्ट्रीय औसत 50.26 फीसदी है.
Posted By: Samir Ranjan.