विधानसभा सत्र में टी-शर्ट को लेकर राजनीति गरम है. भाजपा विधायक पिछले दो दिनों से 60-40 नाय चलतो नारा लिखा केसरिया टी-शर्ट पहन कर सदन में आ रहे हैं. बुधवार को इस मामले में सदन में सत्ता पक्ष ने विरोध जताया है. दूसरी पाली मे हो-हल्ला भी हुआ. सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित हुई़ स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने एक नियमन देते हुए विधायकों से आग्रह किया है कि स्लोग्न लिखा टी-शर्ट पहन कर नहीं आयें. सदन का मान रखें.
उन्होंने विधायकों से गरिमा के अनुरूप आचरण का आग्रह किया है. इधर बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने भाजपा विधायकों के नारा लिखे टी-शर्ट पहन कर आने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने कहा राेज-रोज इस तरह की टी-शर्ट पहन कर आना सही नहीं है़ यह सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं है़ उन्होंने कहा कि मर्यादा में रहने दीजिए़ सदन की कार्यवाही को छिछला मत बनाइये,
यह सबका उत्तरदायित्व है़ पक्ष-विपक्ष दोनों की जिम्मेवारी है, सदन चले़ जैसा मन करे, वैसा ना आये़ं उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों की विधानसभा में जो चीजें चल रही है़ं वह हम ना करें, तो इस फर्क को कमजोरी ना समझियेगा. वाद-विवाद होना चाहिए, विरोध का तरीका होता है़ लेकिन जैसा आप कर रहे हैं, सही नहीं है़ इधर स्पीकर ने सभी सदस्यों से आग्रह किया है कि सदन में सदस्यों का आचरण सर्वोपरि है.
साढ़े तीन करोड़ जनता उम्मीद से देख रही है़ वहीं भाजपा के मुख्य सचेतक विरंची नारायण ने कहा है कि यह स्पीकर की मनमानी है़ स्पीकर कोई गलत निर्णय देंगे, तो उसका विरोध होगा. एक सदस्य विशेष के दबाव में स्पीकर यह निर्णय ले रहे है.
श्री नारायण ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान जिस दिन 1932 खतियान का प्रस्ताव पारित हुआ था, उस दिन मुख्यमंत्री और संसदीय कार्यमंत्री के सीट के सामने नारा टंगा था, तब स्पीकर कहां थे. उन्होंने आपत्ति नहीं जतायी थी. मुख्य सचेतक ने कहा कि विधानसभा के कार्य संचालन नियमावली में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि विधायक स्लोग्रन लिखा टी-शर्ट पहन कर नहीं आ सकते है़. सदन नियम-परिनियम से चलना चाहिए़ भाजपा किसी भी अलोकतांत्रिक निर्णय का विरोध करेगी.
अपना कोट बांह पर लटका कर प्रवेश करना, सदन में अपना हैट डेस्क पर रखना, सदन में धूम्रपान करना, सभा में नारे लगाना, सभा में अपने स्थान पर झंडा या कोई प्रतीक लगाना, सभा में वाद-विवाद के दौरान कोई चीज दिखाना या प्रदर्शित करना.