रांची : झारखंड सरकार ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह प्रदेश के खदानों की नीलामी छह से नौ महीने तक टाल दे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि प्रस्तावित खनिज नीलामी प्रक्रिया को छह से नौ माह के लिए आगे बढ़ाया जाये, क्योंकि कोरोना संक्रमण एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर रोक की वजह से नीलामी प्रक्रिया में कई देशी और विदेशी कंपनियां भाग नहीं ले सकेंगी.
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि इस सिलसिले में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर खनिज नीलामी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि घरेलू उद्यमों को भी अर्थव्यवस्था के धीमे होने की स्थिति में वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसका प्रभाव नीलामी प्रक्रिया पर पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने से पहले राज्य सरकार को सामाजिक और पर्यावरण के प्रतिमानों के अनुरूप सामंजस्यपूर्ण खनिज विकास सुनिश्चित करना है. सामाजिक हित, पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाने के लिए एक अनुकूल नीतिगत ढांचा तैयार करने के वास्ते विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की आवश्यकता भी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों की बेहतर भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए नीलामी प्रक्रिया को छह से नौ महीने के लिए आगे बढ़ाया जाये, ताकि झारखंड में स्थायी खनिज विकास सुनिश्चित हो सके. उल्लेखनीय है कि देश के कई राज्यों में लॉकडाउन में छूट के बीच झारखंड में लोगों को लॉकडाउन से सीमित छूट प्राप्त है. यहां लगातार कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने घोषणा की थी कि 18 जून, 2020 से कोयला क्षेत्र को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर दिया जायेगा. इस दिन कोयले के कॉमर्शियल ऑक्शन की शुरुआत की जायेगी, जिसमें सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी को खदान में खनन का अधिकार मिलेगा. इससे सरकार को ज्यादा से ज्यादा राजस्व मिलेगा और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
श्री जोशी ने ट्वीट करके कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम होगा. इस नीलामी की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. झारखंड के मुख्यमंत्री ने इसी नीलामी को फिलहाल टालने की मांग की है.
उधर, मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने दुमका में शनिवार को कहा कि कोविड-19 संकट के समय में उनकी सरकार राज्य में लौटकर आये प्रवासी श्रमिकों सहित सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री ने लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य के लिए यहां से 1,600 मजदूरों को विशेष ट्रेन से रवाना करते हुए कहा कि संकट के इस दौर में सभी वर्ग के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की मुहिम में सरकार जुट गयी है.
उन्होंने कहा, ‘चाहे यहां लौटकर आये प्रवासी मजदूर हों या फिर यहां काम कर रहे दूसरे राज्यों के मजदूर, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.’ उन्होंने जोर देते हुए कहा, ‘सभी वर्ग के सभी लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा और इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जा रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार मजदूरों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और भूख से किसी मजदूर की मौत नहीं हो, इसके लिए हरसंभव कदम उठायेगी.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन लागू होने से पहले राज्य सरकार को यह मालूम नहीं था कि यहां के लोग लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं. साथ ही, यहां के लोग देश के सभी राज्यों के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं.