रांची: प्रदेश कांग्रेस में आने वाले दिनों में फेरबदल हो सकता है़ पार्टी को आदिवासी चेहरे की तलाश है़ प्रदेश में पार्टी की कमान किसी आदिवासी नेता को मिल सकती है़ राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद झारखंड कांग्रेस की राजनीति बदल सकती है़ छह अक्तूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनावी प्रक्रिया में नाम वापसी की आखिरी तिथि है.
केंद्रीय स्तर पर सहमति बनी, तो 17 को होने वाला चुनाव टल सकता है. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस में सरगरमी बढ़ सकती है़ कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, चाईबासा से सांसद गीता कोड़ा, कालीचरण मुंडा जैसे नेताओं का नाम चल रहा है़ पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव पार्टी नये चेहरे व नयी रणनीति के साथ उतर सकती है.
नये अध्यक्ष की दौड़ में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की आगे है़ं मांडर उपचुनाव में जीत हासिल कर श्री तिर्की ने अपना प्रोफाइल संगठन के अंदर मजबूत किया है़ वह केंद्रीय आलाकमान के संपर्क में है़ं वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में श्री तिर्की अपनी सक्रियता बनाये रखा. वह दक्षिणी छोटानागपुर सहित आदिवासियों के बीच अपनी पैठ रखते है़.
वहीं चाईबासा सांसद गीता कोड़ा भी नये अध्यक्ष की रेस में मानी जा रही है़ं श्रीमती कोड़ा कोल्हान से लेकर आदिवासी इलाके में पार्टी के लिए कारगर हो सकती है़ं खूंटी संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को कड़ी टक्कर देने वाले कालीचरण मुंडा को लेकर भी चर्चा है़ कालीचरण मुंडा के परिवार का कांग्रेस से पुराना रिश्ता रहा है़ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे टीमुची राय मुंडा की पृष्ठभूमि इनके साथ है़ प्रदेश कांग्रेस में होने वाले फेरबदल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की भूमिका होगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचु और सुखदेव भगत की पार्टी में वापसी हुई है़ दोनों ही पार्टी के अनुभवी और लंबे समय तक कमान संभालने वाले नेता है़ं दोनों ही नेता पार्टी में नया कोण बना रहे है़ं हालांकि पार्टी ने श्री बलमुचु को आदिवासी कांग्रेस का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है. ऐसे में इनकी प्रदेश में संभावना खत्म होती दिख रही है.