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झारखंड हाइकोर्ट का रांची जिला प्रशासन पर तल्ख तेवर, किसी भी देश से लेना पड़े लेकिन अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन दें

रांची के उपायुक्त के जवाब को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि चाहे भारत के किसी राज्य या दुनिया का कोई भी देश हो, कहीं से भी ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की खरीदारी करनी पड़े या उधार लेकर लाना पड़े, इसे सदर अस्पताल में हर हाल में लगाया जाये, ताकि मरीजों के बेड तक निर्बाध रूप से ऑक्सीजन पहुंच सके. ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो. अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाये.

Ranchi Coronavirus Update रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने सदर अस्पताल, रांची ( Sadar Hospital Ranchi ) की पूर्ण क्षमता 500 बेड के उपयोग को लेकर दायर अवमानना याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से टिप्पणी की.

रांची के उपायुक्त के जवाब को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि चाहे भारत के किसी राज्य या दुनिया का कोई भी देश हो, कहीं से भी ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की खरीदारी करनी पड़े या उधार लेकर लाना पड़े, इसे सदर अस्पताल में हर हाल में लगाया जाये, ताकि मरीजों के बेड तक निर्बाध रूप से ऑक्सीजन पहुंच सके. ऑक्सीजन की आपूर्ति में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो. अस्पताल में मरीजों को ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाये.

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि स्टोरेज टैंक लगाने के लिए ठेकेदार को पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया है. ठेकेदार ने जून 2021 तक ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक तैयार कर लेने की बात कही है. इस पर खंडपीठ ने कहा कि जब पूरी राशि का भुगतान पहले ही कर दिया गया है, तो अब तक लगा क्यों नहीं.

ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक लगने से वहां सेंट्रलाइज रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति होती. मरीजों को सीधे बेड तक ऑक्सीजन मिल सकेगा. इसके अलावा सदर अस्पताल में जो ऑक्सीजन सिलेंडर का उपयोग हो रहा है, उसे जरूरत के मुताबिक दूसरे अस्पतालों में उपयोग में लाया जा सकेगा.

सुनवाई के लिए दो बार बैठी खंडपीठ :

मामले की सुनवाई के लिए सोमवार को खंडपीठ दो बार बैठी. सदर अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी सामने आने पर खंडपीठ ने रांची के उपायुक्त को तत्काल वर्चुअल उपस्थित होने का निर्देश दिया. दिन के लगभग 12 बजे फिर खंडपीठ बैठी. उपायुक्त छवि रंजन वर्चुअल उपस्थित हुए. उन्होंने खंडपीठ द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब दिया.

उपायुक्त के जवाब को असंतोषजनक बताते हुए स्पष्ट जवाब देने का निर्देश दिया. कब तक ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक की स्थापना हो जायेगी, यह बताने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने सुनवाई के लिए पांच मई की तिथि निर्धारित की.

मौखिक रूप से कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में किसी तरह की और किसी भी अवसर पर कोताही नहीं की जाये. महामारी को देखते हुए ऑक्सीजन सहित जीवन रक्षक दवा की कमी नहीं होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष यह बात आयी कि कोरोना संक्रमण से कुछ अधिवक्ताओं की मौत हो गयी है.

Posted By : Sameer Oraon

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