Jharkhand Crime News, Ranchi News, रांची : नई दिल्ली- रांची गरीबरथ एक्सप्रेस ट्रेन से झारखंड की राजधानी रांची रेलवे स्टेशन पर 14 नाबालिगों का जैसे ही कदम पड़ा, आंखों में आंसू आ गये. ये आंसू खुशी और शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना से मुक्ति की थी. बुधवार (17 फरवरी, 2021) को नई दिल्ली से मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ा कर 14 नाबालिग रांची पहुंचे. इसमें 12 लड़कियां और 2 लड़के शामिल हैं. मानव तस्करों के चंगुल में फंसे इन सभी नाबालिगों से दिल्ली में घरेलू काम कराया जाता था.
मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त होकर नई दिल्ली से रांची पहुंची 14 नाबालिग काफी खुश दिख रहे थे. बुधवार को जैसे ही नई दिल्ली- रांची गरीबरथ एक्सप्रेस से झारखंड के 14 नाबालिग रांची रेलवे स्टेशन पर पहुंचे उनके चेहरे पर काफी सुकून दिखा. नई दिल्ली में मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने में झारखंड महिला विकास समिति का अहम योगदान रहा. इन नाबालिगों को नई दिल्ली से समिति के सुनील कुमार गुप्ता, निर्मला खलखो, मंजू कुमारी, अंकिता मिश्रा व अन्य साथ लेकर रांची पहुंचे.
झारखंड महिला विकास समिति के सदस्यों ने रांची पहुंचने पर इन नाबालिगों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (Child Welfare Committee) को सौंप दिया. सीडब्ल्यूसी के पदाधिकारी इन नाबालिगों से बात कर मानव तस्कर के आरोपी को पुलिस के सहयोग से धर दबोचने की कोशिश करेगी.
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मानव तस्कर इन नाबालिग को बेहतर जीवन का साजबाग दिखाकर दिल्ली ले गया. यहां इन नाबालिगों को घरेलू काम में लगा दिया. इस दौरान ना तो बच्चों को घर मालिक काम के बदले पैसे देते थे और ना ही सही तरीके से भोजन. साथ ही उनके साथ मारपीट भी की जाती थी. इससे तंग आकर ये बच्चे घरों से भाग निकले. इसी बीच दिल्ली पुलिस और जीआरपी की नजर इन बच्चों पर पड़ी. तत्काल उन्हें पकड़ कर दिल्ली चिल्ड्रेन होम के हवाले कर दिया गया. दिल्ली चिल्ड्रेन होम ने झारखंड स्टेट रिसोर्स सेंटर (Jharkhand State Resource Center) से संपर्क कर झारखंड के 14 बच्चों के यहां होने की जानकारी दी. JSRC के पदाधिकारी इन बच्चों से बात कर इसकी जानकारी बाल कल्याण समिति, रांची (Child Welfare Committee, Ranchi) को दी गयी. CWC के पदाधिकारियों ने इन नाबालिग के घर पर पता लगाया और आखिरकार बुधवार को 14 नाबालिग नई दिल्ली से रांची पहुंचे.
मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त हुई कुछ लड़कियों ने कहा कि गांव के कुछ लोगों के बहकावे में आकर वो दिल्ली चली गयी. दिल्ली में घरेलू कार्य में लगा दिया, लेकिन इन घरों में काफी प्रताड़ना मिलती थी. झाड़ू- पोंछा से लेकर खाना बनाने, बर्तन धोने समेत अन्य घरेलू कार्य करना पड़ता था, लेकिन सही तरीके से भोजन नहीं मिलता था. कई घरों में तो इन नाबालिगों के साथ मारपीट भी होती थी.
दिल्ली से रेस्क्यू कर रांची आये 14 नाबालिगों में सबसे अधिक पश्चिमी सिंहभूम जिले के बच्चे हैं. इस जिले से 5 बच्चों को दिल्ली ले जाया गया था. वहीं, साहिबगंज जिला की दो, गोड्डा की दो, पूर्वी सिंहभूम, पाकुड़, गुमला, सिमडेगा और खूंटी की एक- एक है. इसमें 12 लड़कियां और 2 लड़के हैं.
बता दें कि इससे पहले भी मानव तस्करों के चंगुल से नवंबर, 2020 में दिल्ली से एयर लिफ्ट कर 44 बच्चों को रांची लाया गया था. ये सभी बच्चे पिछले एक साल से दिल्ली के विभिन्न बालगृह में रह रहे थे. एयर लिफ्ट से रांची आये इन बच्चों को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त नाबालिगों के बालिग होने तक प्रति माह 2000 रुपये देने की घोषणा की थी.
Posted By : Samir Ranjan.