राज्य में संगठित गिरोह से जुड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंगलवार को सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सभी जिलों के एसपी और डीआइजी के साथ बैठक की. इस मौके पर डीजी अनुराग गुप्ता ने ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए पदाधिकारियों को कई निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि फरजी बेलर के सहारे रांची जोन के पांच जिलों में जमानत पर छूटे 33 अपराधियों का जमानत रद्द कराने की प्रक्रिया शुरू करायें.
साथ ही उन्होंने अपराधियों पर सीसीए के तहत कार्रवाई करने, बेलर का सत्यापन करने, जेल में अपराधियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर केस करने, टीपीसी और जेजेएमपी के उग्रवादियों से रंगदारी मांगनेवाले के खिलाफ कार्रवाई करने, अपराधियों को मदद पहुंचाने वाले जेल कर्मियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने और अपराधियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक के दौरान रांची के डीआइजी अनूप बिरथरे ने सक्रिय अपराधियों की जमानत रद्द कराने की दिशा में कार्रवाई की जानकारी भी दी.
सीआइडी डीजी ने पाया कि रांची जोन के पांच जिलों में गुमला में पांच, लोहरदगा में छह, सिमडेगा में छह, खूंटी में चार और रांची में 12 अपराधी चिह्नित किये गये हैं, जो फरजी बेलर के सहारे जेल से बाहर हैं. उक्त सभी की जमानत रद्द कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. इस तरह राज्य के दूसरे रेंज में संगठित गिरोह के जुड़े अपराधियों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई का निर्देश दिया है.
VIDEO: धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के शिशु आउटडोर वार्ड में लगी आग, पाया काबूउन्होंने कहा कि रांची जिला के विभिन्न थाना क्षेत्र में रहनेवाले पुराने 12 शातिर अपराधी फरजी जमानतदार के आधार पर जेल से बाहर निकल गये हैं. इनमें राजू गोप, तौकिर आलम उर्फ रिंकू, अमित सिंह उर्फ गुड्डू, अली खान, डब्ल्यू शर्मा, जगत साहू उर्फ लखी साहू, अफसर अंसारी, शैलेंद्र वर्मन, रोहित चौरसिया, बिट्टू खान उर्फ तनवीर आलम, वसीम अंसारी और का नाम शामिल है. ये हत्या, रंगदारी समते कई गंभीर अपराधों के आरोपी है.
Also Read: झारखंड के 103 सीओ व तीन बंदोबस्त पदाधिकारियों का तबादला, जानें कौन कहां गयेइनके जमानतदार के बारे पुलिस ने जब सत्यापन किया, तब यह पाया गया है कि जहां एक ओर कुछ जमानतदार अपराधी को पहचानते तक नहीं है. ऐसे मामले में जमानतदार के सिर्फ आधार कार्ड का इस्तेमाल फरजी तरीके से सिर्फ बेल लेने के लिए किया गया है. वहीं दूसरी ओर कुछ अपराधियों के जमानतदार ऐसे हैं जो अपने पते पर नहीं रहते हैं. अर्थात ऐसे जमानतदारों का कोई अस्तित्व ही नहीं है. लेकिन उनके नाम पर फरजी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर जमानत लिया गया है. इसलिए उक्त अपराधियों का जमानत रद्द कराने की दिशा में रांची पुलिस ने कार्रवाई शुरू की दी गयी है.