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आयकर विभाग ने शुरू की झारखंड के बड़े डिफॉल्टरों पर कार्रवाई, एनोस एक्का समेत ये हैं लिस्ट में शामिल

आयकर विभाग ने झारखंड के टॉप डिफॉल्टरों से 3000 करोड़ रुपये वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी. जिसमें पूर्व मंत्री एनोस एक्का का भी नाम शामिल है. इस सूची में डॉक्टर, व्यापारी, कमीशन एजेंट सहित कई लोग शामिल हैं

रांची : आयकर विभाग ने राज्य के बड़े डिफॉल्टरों से 3000 करोड़ रुपये वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके तहत अब तक 110 डिफॉल्टरों का बैंक अकाउंट अटैच किया गया है. जिन बड़े डिफॉल्टरों का बैंक अकाउंट अटैच किया गया है, उनमें पूर्व मंत्री एनोस एक्का, झारखंड ऊर्जा संचरण लिमिटेड का नाम भी शामिल है. आयकर विभाग के बड़े डिफॉल्टरों की सूची में डॉक्टर, व्यापारी, कमीशन एजेंट और राज्य व केंद्र सरकार के लोक उपक्रम शामिल हैं.

पूर्व मंत्री से 7.74 करोड़ की वसूली के लिए नोटिस जारी की थी :

आयकर विभाग ने राज्य के पूर्व मंत्री एनोस एक्का से 7.74 करोड़ रुपये की वसूली के लिए नोटिस जारी की थी. टैक्स की रकम जमा नहीं करने की वजह से विभाग ने पूर्व मंत्री के बैंक खातों को अटैच कर दिया है.

पूर्व मंत्री एनोस एक्का पर वर्ष 2006-07 का 51 लाख रुपये, 2007-08 का 1.37 करोड़ रुपये, 2008-09 का 2.75 करोड़ रुपये, 2009-10 का 2.5 करोड़ रुपये और 2010-11 का 61 लाख रुपये टैक्स का बकाया है. आलम नर्सिंग होम पर 2011-12 से 2020-21 तक की अवधि का पांच करोड़ रुपये बकाया है. नर्सिंग होम ने बकाये में से 69 लाख रुपये का भुगतान कर दिया है. झारखंड ऊर्जा संचरण लिमिटेड पर 2017-18 का 84 करोड़ रुपये और 2019-20 का 31 करोड़ रुपये बकाया है.

राजगीर कंस्ट्रक्शन ने 4.2 करोड़ रुपये बकाया के मुकाबले 70 लाख रुपये का भुगतान किया है. केडी सिंह (पॉल्ट्री) से 4.25 करोड़ रुपये की वसूली के लिए नोटिस जारी की गयी थी. लेकिन भुगतान नहीं करने पर इसके निदेशक राजेश सिंह और दीपक सिंह का बैक अकाउंट अटैच कर दिया गया है. आयकर विभाग ने सीसीएल और सीएमपीडीआइ से भी टैक्स वसूली के लिए नोटिस जारी की है. हालांकि इन दोनों कंपनियों द्वारा टैक्स का कुछ हिस्सा भुगतान करने का वायदा करने की वजह से उनके बैंक खातों को अटैच नहीं किया गया है.

250 से अधिक करदाताओं के दाखिल रिटर्न की स्क्रूटनी की

आयकर विभाग ने 250 से अधिक करदाताओं द्वारा दाखिल किये गये रिटर्न की स्क्रूटनी की. साथ ही संबंधित करदाताओं के बैंक खातों से लेन-देन का ब्योरा जुटाया. इस प्रक्रिया के दौरान यह पाया गया कि इन करदाताओं ने कम टैक्स का भुगतान किया है, इसलिए विभाग ने अपनी गणना के आधार पर उन पर टैक्स की देनदारी निर्धारित की.

साथ ही सभी को टैक्स की रकम जमा करने के लिए नोटिस भेजी. नियमानुसार आयकर विभाग द्वारा नोटिस दिये जाने के 35 दिनों के अंदर डिमांड नोटिस के आलोक में पैसा जमा नहीं करने पर डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है. बार-बार रिमाइंडर दिये जाने के बावजूद टैक्स की रकम जमा नहीं करने पर बैंक खाते को अटैच कर राशि की वसूली की जाती है.

कुछ बड़े डिफॉल्टरों का ब्योरा (करोड़ में)

एनोस एक्का 7.74

आलम नर्सिंग होम 5.00

किट्स इंफ्रा प्रोजेक्ट 0.50

सिल्ली कॉलेज 1.25

राजगीर कंस्ट्रक्शन 4.20

मिनरल्स एंड मिनरल्स लिमिटेड 2.30

झारखंड ऊर्जा संचरण निगम 115.00

झारखंड हिल एरिया लिफ्ट इरिगेशन 3.17

केडी सिंह, पॉल्ट्री 4.25

एसएल ट्रेडर्स 0.55

बानी पैकेजिंग 2.00

भुतेश्वर रियल स्टेट 42.00

कांके सर्विस सेंटर 1.50

भीम मुंडा 0.35

संजय मुंडा 0.31

सुनील कुमार 10.00

Posted By: Sameer Oraon

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