झारखंड में वर्ष 2020 से अगस्त 2022 तक (32 माह) महिला अपराध से जुड़ी 9900 से ज्यादा मामले थानों में दर्ज किये गये हैं. इनमें सबसे ज्यादा 2,431 मामले प्रताड़ना के हैं. लेकिन पिछले आठ माह के आंकड़ों को देखें तो इस दौरान महिला अत्याचार से जुड़े सिर्फ 16 मामलों में 21 लोगों को सजा मिली है.
इन मामलों में एक को आजीवन कारावास, तीन को दस साल, एक को सात साल, सात को तीन साल और नौ लोगों को दो-दो साल की सजा मिली है. महिला प्रताड़ना के सबसे ज्यादा 334 मामले रांची में दर्ज हुए हैं. इसके बाद जमशेदपुर में 229 और बोकारो में 215 मामले सामने आये हैं
अपराधों की बात करें, तो पिछले 32 माह में दहेज हत्या के 272, दहेज प्रताड़ना के 1576, महिला प्रताड़ना के 855, दुष्कर्म के 1796, छेड़खानी के 1384, अपहरण के 962, डायन के नाम पर हत्या के 26, डायन बिसाही के 837, पोक्सो एक्ट के 1231 और मानव तस्करी के 101 मामले दर्ज हुए हैं. लेकिन जैसे ही बात इसके अपराधियों को अंजाम तक पहुंचाने की आती है, तो स्थिति बहुत संतोषजनक नहीं दिखती है.
महिलाओं और नाबालिगों से जुड़े अपराध को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों में इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक कुल 327 मामलों में 480 लोगों को सजा सुनायी गयी है. इनमें 118 को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. झारखंड पुलिस के आंकड़ें बताते हैं कि दहेज हत्या के कुल 42 मामलों में 74 लोगों को सजा हुई है. इनमें 24 को आजीवन कारावास, आठ को 20 साल, 13 को 10 साल, 22 को सात साल, तीन को पांच साल, तीन को तीन साल और एक को दो वर्ष की सजा हुई है.
इसी तरह डायन बिसाही के आरोप में हत्या के आठ मामलों में कुल 38 लोगों को सजा मिली है. इनमें 30 को आजीवन कारावास और आठ को सात वर्ष तक की सजा हुई है. दुष्कर्म के 88 मामलों में कुल 116 लोगों को सजा सुनायी गयी. इनमें 34 को आजीवन कारावास, 29 को 20 साल, 35 को 10 साल, 13 को सात साल, तीन को पांच साल, एक को तीन साल और एक को दो साल की सजा हुई है. पोक्सो एक्ट के कुल 156 मामलों में 199 लोगों को सजा हुई है.
खूंटी में डायन बिसाही को लेकर सबसे अधिक 11 हत्याएं हुई. जबकि चाईबासा व गुमला में नौ-नौ हत्याएं हुई. डायन प्रताड़ना के सबसे अधिक मामले गढ़वा (409) में केस दर्ज किये गये. पोक्सो से जुड़े मामलों में धनबाद में सबसे ज्यादा 396 केस दर्ज हुए, रांची में 256, गढ़वा में 203 व गिरिडीह में 170 मामले दर्ज किये गये .
पिछले 32 माह में झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि गिरिडीह जिले में दहेज के लिए सबसे ज्यादा महिलाओं की हत्या हुई है. 2020 में 39, 2021 में 36 और 2022 में अगस्त तक 17 महिलाओं की हत्याएं हो चुकी है. इसी तरह धनबाद में 59, हजारीबाग में 58, रांची में 43 व जमशेदपुर में 32 मामले सामने आये हैं. दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध के सबसे अधिक 537 मामले रांची में दर्ज हुए. इसके बाद गढ़वा में 284, हजारीबाग में 271, जमशेदपुर में 270 घटनाएं सामने आयी हैं.
देवघर में छेड़खानी की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई. वर्ष 2020 से अगस्त 2021 तक यहां पर 561 केस दर्ज किये गये हैं. धनबाद में 251, पलामू में 210 व गिरिडीह में 198 मामले सामने आये हैं. दहेज प्रताड़ना की बात करें तो गोड्डा में 446, जमशेदपुर 417, धनबाद 413 व बोकारो में 409 केस हुए हैं. वहीं रांंची में यह आंकड़ा 364 है. महिलाओं के अपहरण मामले में जमशेदपुर में सबसे अधिक दर्ज किये गये. जमशेदपुर में 325, बोकारो में 239, देवघर में 228, धनबाद में 208 व रांंची में 126 मामले दर्ज किये गये हैं.
अपराध कुल सजायाफ्ता मृत्युदंड आजीवन न्यूनतम 10 वर्ष पांच तीन दो
केस कारावास 20 वर्ष से कम वर्ष वर्ष वर्ष
दहेज हत्या 42 74 00 24 08 13 22 03 03
डायन हत्या 08 38 00 30 00 00 08 00 00
दुष्कर्म 88 116 00 34 29 35 13 03 01
पोक्सो एक्ट 156 199 00 52 38 75 03 13 11
दहेज अधिनियम 17 32 00 01 01 01 00 00 07
महिला अत्याचार 16 21 00 01 00 03 01 00 07
रिपोर्ट- प्रणव