Jharkhand Cyber Crime Latest News, Ranchi News, रांची न्यूज : साइबर क्राइम के लिए चर्चित जामताड़ा में बदलाव की बयार बह रही है. यहां के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि जग रही है. वह पढ़ना चाह रहे हैं और जीवन में कुछ बनना चाह रहे हैं. इनके हाथों में अब मोबाइल नहीं, किताबें दिख रही हैं. जामताड़ा की इस नयी पहचान का आधार बन रहे हैं सामुदायिक पुस्तकालय. देश के महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि जामताड़ा का नारायणपुर, करमाटांड़ प्रखंड की पहचान बदलने की दिशा में राज्य सरकार ने कार्य करना आरंभ कर दिया है.
जामताड़ा जिले के लालचंदडीह, महतोडीह और करमाटांड़ प्रखंड के सियाटांड़, नाला प्रखंड के पंचायत भवन, फतेहपुर पंचायत एवं कुंडहित प्रखंड परिसर समेत अन्य स्थानों में 33 सामुदायिक पुस्तकालय का शुभारंभ कर दिया है. यह युवाओं और बच्चों के शैक्षणिक विकास व सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे. जामताड़ा के बच्चे और युवा अब जीवन और विचार को समृद्ध करनेवाली किताबों का अध्ययन कर रहे हैं. वह डिस्कवरी ऑफ इंडिया, इंडियन इकोनॉमी, इंडिया आफ्टर गांधी जैसी पुस्तकें पढ़ रहे हैं.
सरकार का मकसद है कि पुस्तकालय में बच्चे या व्यक्ति अपनी रुचि, योग्यता तथा आवश्यकता के अनुरूप पुस्तकें पढ़कर अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ायें. साथ ही पुस्तकालय को व्यक्ति व धर्म विशेष और राजनीति से बिल्कुल अलग रखना है, ताकि यहां के युवा राज्य के विकास और उन्नति में अपनी भागीदारी निभाकर जामताड़ा को साइबर क्राइम के कलंक से छुटकारा दिला सकें.
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जामताड़ा के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने कहा कि बच्चों के शैक्षणिक विकास में पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सामुदायिक पुस्तकालय ऐसा स्थान है, जहां पुस्तकों के उपयोग का सुनियोजित विधान होता है. कोई भी अपनी रुचि के अनुरूप इसका सदस्य बन सकता है तथा वहां की पुस्तकों का उपयोग कर सकता है. इस तरह के पुस्तकालयों के उपयोग से समुदाय में पढ़ने-पढ़ाने और सीखने-सिखाने का एक माहौल बनेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra