Ranchi News: राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू होने को लेकर नयी मगर महत्वपूर्ण बात सामने आयी है. राज्य सरकार इस योजना का लाभ लेने वाले कर्मचारियों के लिए अहम निर्णय ली है. इस निर्णय के तहत अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज्योर (एसओपी) की शर्तें मानने के लिए शपथपत्र देना होगा. शपथ पत्र में यह उल्लेख करना होगा कि कर्मी किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय दावा राज्य सरकार से नहीं करेंगे.
पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए जो शपथ पत्र देना होगा, उसका प्रारूप जल्द लागू किया जायेगा. राज्य सरकार का वित्त विभाग शपथ पत्र का प्रारूप विकसित करेगा. वित्त विभाग ने इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है. राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने की सहमति प्रदान की है. एसओपी गठित करने के लिए विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी में वित्त व कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव सदस्य बनाये गये हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि वित्त विभाग द्वारा संबंधित संस्थाओं से जमा राशि प्राप्त करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों रांची के मोरहाबादी में एनएमपीओएस के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि मैं 15 अगस्त तक पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दूं, और इसे लेकर आश्वस्त हूं कि मैं इसे बहाल कर दूंगा. क्योंकि मेरा प्रयास ईमानदार है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस बयान से राज्य के कर्मचारियों को उम्मीद है कि 45 दिनों के भीतर राज्य सरकार उनके लिए कदम उठाएगी. बताते चलें कि राज्य भर के सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग को लेकर काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. विभिन्न विभागों के कर्मचारी एनएमपीओएस के बैनर तले आंदोलनरत हैं.
बताते चलें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने के बाद लगभग सवा लाख कर्मचारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. संभावित आंकड़े की मानें तो राज्य में 1 लाख 95 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें से 1 लाख 35 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जो नई पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं. राज्य सरकार अगर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करती है, तो 1 लाख 35 हजार कर्मचारी इस दायरे में आयेंगे. बताते चलें कि झारखंड में साल 2004 से नई पेंशन स्कीम को लागू किया गया है.
ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को उसके मूल वेतन का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाता है. इसमें कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शामिल होता है. साथ ही डीए भी शामिल होता है. आम कर्मचारियों की तरह की पेंशनधारियों को भी हर छह माह में डीए में होने वाले बदलाव का लाभ मिलता है. इसके साथ ही पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का लाभ मिलता है. पेंशनधारी के 80 वर्ष उम्र होने पर मूल पेंशन का 20 फीसदी बढ़ोत्तरी होता है. जो 85 साल होने पर 30 फीसदी, 90 साल होने पर 40 फीसदी, 95 साल होने पर 50 फीसदी और 100 साल होने पर 100 फीसदी बढ़ता है. स्पष्ट शब्दों में कहें तो पेंशनधारक की उम्र 100 होने पर पेंशन दोगुना हो जाता है.