झारखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को मोरहाबादी मैदान में होनेवाले कार्यक्रम की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा की. साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगमन को लेकर की गयी तैयारियों की जानकारी ली. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य समारोह तीन तीन घंटे का होगा, जो दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक चलेगा. इस अवसर पर लगभग पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास होगा. वहीं एक हजार से अधिक नवचयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा जायेगा.
मुख्यमंत्री ने ली कार्यक्रम की जानकारी
मुख्यमंत्री ने वरीय अधिकारियों के साथ इस उच्चस्तरीय बैठक में समारोह के मिनट -टू -मिनट कार्यक्रम की जानकारी ली और अहम निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि सभी तैयारियां ससमय पूरी हो जानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मौजूद रहेंगी. ऐसे में यहां सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह दुरुस्त होनी चाहिए. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हो और कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की सहूलियत का भी ध्यान रखा जाये. बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, वंदना डाडेल, अमिताभ कौशल, मनोज कुमार, अमित कुमार, राजीव लोचन बक्सी और डीसी राहुल सिन्हा मौजूद थे.
नयी योजनाओं की मिलेगी सौगात
मुख्यमंत्री इस समारोह में सीएम सारथी योजना, गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना और एकलव्य स्किल स्कीम योजना का शुभारंभ करेंगे. वहीं, इंडस्ट्रियल पार्क एंड लॉजिस्टिक पॉलिसी- 2022, इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी- 2022 और झारखंड इथेनॉल प्रोडक्शन प्रमोशन पॉलिसी- 2022 को लांच करेंगे.
देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मनायी जायेगी बिरसा मुंडा की जयंती
यूजीसी व एआइसीटीइ ने देश के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों में 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का मनाने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सभी विवि के कुलपति, कॉलेजों के प्राचार्य व संस्थानों के निदेशक को पत्र भेजा गया है. ज्ञात हो कि केंद्र ने 15 नवंबर को बिरसा मुंडा जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्देश दिया है.
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क्या कहते हैं यूजीसी सचिव
यूजीसी के सचिव प्रो रजनीश जैन व एआइसीटीइ के सदस्य सचिव प्रो राजीव कुमार ने कहा है कि बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी नेताओं की विरासत के साथ-साथ अन्य महान व्यक्तियों व जनजातीय समुदायों के गुमनाम नायकों का प्रसार करना है. आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस दिन संस्थानों में स्वतंत्रता में आदिवासी नायकों के योगदान विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित करायी जाये. साथ ही विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाये. सभी संस्थान उक्त तिथि को जोश और उत्साह के साथ जनजातीय गौरव दिवस मनाने के लिए अधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें. सोशल मीडिया के जरिये भी प्रचार-प्रसार करें. संस्थान के एनसीसी व एनएसएस कैडेट विशेष रूप से इसमें अपनी सहभागिता निभायें.