राज्य सरकार ने होल्डिंग टैक्स की समीक्षा के लिए समिति गठित की है. साथ ही पलामू में भूमि विवाद से जुड़े मामलों को सुलझाने के उद्देश्य से पलामू के कुछ हिस्से में रि-सर्वे कराने की संभावना जतायी है. विधानसभा में उठाये गये सवालों के सिलसिले में की गयी कार्रवाई (एटीआर) के ब्योरे में इसका उल्लेख किया है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सदन में एटीआर पेश किया.
झारखंड सरकार ने 15वें वित्त आयोग के दिशा निर्देश के आलोक में अप्रैल 2022 में होल्डिंग टैक्स की गणना संपत्ति के सर्किल रेट के आधार पर करने का आदेश जारी किया. इससे होल्डिंग टैक्स में अचानक 10 गुना तक की वृद्धि हो गयी है. इसे देखते हुए विधानसभा में इसे कम करने या वापस करने की मांग उठायी गयी थी. सरकार ने उस पर विचार करने का आश्वासन दिया था.
इसके आलोक में सरकार ने सदन में पेश एटीआर में मामले की समीक्षा के लिए समिति गठित करने की जानकारी दी है. राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. नगर विकास विभाग के अपर सचिव को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा रांची नगर निगम के नगर आयुक्त, राज्य शहरी विकास अभिकरण के उप निदेशक, झुमरी तिलैया नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और बुंडू नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को समिति का सदस्य बनाया गया है.
पलामू के हुसैनाबाद, हरिहरगंज और पिपरा अंचल में भू-विवाद के मद्देनजर रि-सर्वे कराने की मांग उठायी गयी थी. सरकार ने इस मांग पर विचार करने के बाद सदन को एटीआर के माध्यम से यह जानकारी दी कि निदेशक भू-अर्जन, भू-अभिलेख एवं परिमाप की अध्यक्षा में सीएनटी एक्ट की धारा 87 के तहत दायर मामलों की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि पलामू में भूमि विवाद के कुल 25,019 मामले दायर हैं.
इसमें से 108 का निबटारा हुआ है. 24,911 मामलों की सुनवाई जारी है. बंदोबस्त कार्यालय में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के 20 पद स्वीकृत हैं. लेकिन, सिर्फ दो ही अधिकारी कार्यरत हैं. इससे मामलों के निबटारे में देर हो रही है. छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 की धारा 98 के तहत भूअधिकार अभिलेख के प्रकाशन की अंतिम तिथि के 15 वर्षों बाद पुन: सर्वे कराने का प्रावधान है. पलामू मे अधिसूचना संख्या 404/सर्वे के सहारे 20 दिसंबर 2008 को गजट प्रकाशित किया गया था. नियमानुसार, 15 वर्षों बाद रि-सर्वे के लिए अधिसूचना जारी की जा सकती है.
राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष के लिए मंगलवार को द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी. अनुपूरक बजट में केंद्रीय योजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजना मद में केंद्र से मिली राशि के खर्च का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा जिन योजनाओं में केंद्र से मिली हिस्सेदारी में कम प्रावधान किया गया है उसमें संशोधित बजटीय उपबंध किया गया है. राज्य के द्वितीय अनुपूरक के करीब 2000 करोड़ रुपये होने की संभावना जतायी जा रही है.