Jharkhand News: झारखंड सरकार राज्य में गरीबों को पानी का मुफ्त कनेक्शन और नि:शुल्क पेयजल उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड नगरपालिका जल कार्य, जल अधिभार एवं जल संयोजन नियमावली-2020 के गठन को मंजूरी प्रदान की है. कैबिनेट की अगली बैठक में संबंधित प्रस्ताव सहमति के लिए प्रस्तुत किया जायेगा. नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव में जल संधारण, जल के रख-रखाव, जल संयोजन शुल्क एवं जल दर से संबंधित प्रावधान किये गये हैं.
इसके मुताबिक बीपीएल और एपीएल दोनों ही तरह के हाउसहोल्ड को पांच किलोलीटर (पांच हजार लीटर) पानी हर महीने मुफ्त दिया जायेगा. वहीं, बीपीएल परिवारों को पानी का कनेक्शन भी नि:शुल्क प्रदान किया जायेगा. हालांकि, पांच किलोलीटर से अधिक पानी लेने पर संबंधित हाउसहोल्ड को शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा. गरीबों या बीपीएल परिवारों को भी पांच किलोलीटर से अधिक पानी लेने पर जल कर देना होगा. लेकिन, आवासीय जल कनेक्शन के लिए बीपीएल परिवारों से एपीएल की तुलना में आधा मासिक शुल्क लेने का नियम बनाया गया है.
चार तरह के वाटर कनेक्शन देने का प्रावधान : नियमावली में चार तरह के पानी का कनेक्शन देने का प्रावधान किया गया है. आवासीय कनेक्शन, वाणिज्यिक कनेक्शन, औद्योगिक कनेक्शन और सांस्थिक एवं सरकारी कनेक्शन. इन सभी श्रेणी के कनेक्शन के लिए अलग-अलग मासिक शुल्क निर्धारित किये गये हैं. प्रस्ताव में जल कनेक्शन लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन की गयी है.
जल कनेक्शन का संयोजन अनुमोदन, क्रियान्वयन और अधिष्ठापन की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी की जायेगी. नियमावली में पानी का कनेक्शन देने के सभी चरणों की समय सीमा निर्धारित की गयी है. इसके अलावा नियमावली में प्लंबर की अनुज्ञप्ति जारी करने से संबंधित प्रावधान भी किया गया है. साथ ही पुराने मीटर रहित कनेक्शन को मीटरयुक्त कनेक्शन में बदलने की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी है.
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अधिक इस्तेमाल पर बीपीएल को भी देने पड़ेंगे शुल्क, पर आवासीय कनेक्शन के लिए एपीएल का आधा लगेगा
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जुडको को बाह्य स्रोत के रखरखाव एवं संचालन गतिविधि का नोडल नियुक्त किया गया
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नगर विकास विभाग की जल संयोजन नियमावली को मंजूरी, अब कैबिनेट में पेश होगी
अवैध कनेक्शन को भी वैध कराया जा सकेगा : नियमावली लागू होने के बाद पानी के अवैध कनेक्शन को भी वैध कराया जा सकेगा. अवैध कनेक्शन को मीटरयुक्त कनेक्शन में परिवर्तित करने की प्रक्रिया और जुर्माना का प्रावधान किया गया है. एकमुश्त जुर्माना भुगतान की स्थिति में छूट भी दी जायेगी. नियमावली में परिसरों की जलापूर्ति रोकने की शक्ति एवं जल की बर्बादी रोकने से संबंधित नियम भी बनाया गया है.
इसके अलावा जलापूर्ति संबंधी शहरी स्थानीय निकायों के सामान्य कर्तव्य एवं परिचालन से संबंधित प्रावधान किया गया है. जलापूर्ति योजनाओं का रख-रखाव एवं संचालन शहरी स्थानीय निकाय के अलावा बाह्य स्रोत के माध्यम से किया जायेगा. जुडको को बाह्य स्त्रोत के रख-रखाव और संचालन गतिविधि का नोडल नियुक्त किया गया है.
Posted by: Pritish sahay