रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चों की पोशाक के रंग अब बदले जायेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से इस संबंध में सभी जिलों को दिशा-निर्देश भेजा गया है. परियोजना की ओर से जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से नये रंग की पोशाक उपलब्ध कराये जायेंगे. जिलों को भेजे गये पत्र में कहा गया है फिलहाल स्वेटर का रंग निर्धारित नहीं किया गया है. स्वेटर का रंग निर्धारित होने के बाद जिलों को अलग से जानकारी दी जायेगी. उल्लेखनीय है कि पोशाक के लिए जिलों को राशि उपलब्ध करा दी गयी है.
राज्य में इससे पहले वर्ष 2015-16 में पोशाक के रंग में बदलाव किया गया था. वर्तमान में बच्चों की पोशाक में पैंट का रंग मैरून व शर्ट का क्रीम कलर था. बच्चे वर्तमान में इसी रंग की पोशाक पहनते थे.
कक्षा एक से पांच
छात्र : पैंट नीला व शर्ट पिंक(ब्लू पाइपिंग सहित)
छात्राएं : स्कर्ट नीला व शर्ट पिंक(ब्लू पाइरिंग सहित)
छात्र : पैंट हरा व शर्ट हरा एवं सफेद चेक व हरा रंग का कॉलर सहित
छात्राएं: सलवार एवं दुपट्टा हरे रंग का एवं कुर्ता सफेद चेक व हरे रंग का कॉलर सहित
राज्य में स्कूली बच्चों के पिछले चार वर्षों के दौरान हुए पोशाक वितरण की रिपोर्ट जिलों से मांगी गयी है. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक को इसे लेकर पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि कक्षा एक से आठ तक विद्यार्थियों को समग्र शिक्षा एवं राज्य योजना के तहत बच्चों को पोशाक उपलब्ध करायी जाती है.
पोशाक के लिए राशि डीबीटी की जाती है. वहीं एसएचजी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से पोशाक उपलब्ध करायी जाती है. शिक्षा परियोजना ने सभी जिलों से वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक एसएचजी, डीबीटी एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के माध्यम से कितने बच्चों को पोशाक दी गयी और कितने को नहीं मिल पायी, इसकी जानकारी मांगी है. वहीं बच्चों को पोशाक नहीं मिलने के कारण की भी जानकारी देने को कहा है. वहीं जिलों से बच्चों के बैंक खाता खोले जाने की स्थिति की भी जानकारी देने को कहा गया है.
जिन बच्चों को पोशाक के लिए राशि डीबीटी के माध्यम से दी गयी उन्होंने पोशाक खरीदी या नहीं, इसका सर्वे करने को कहा गया है. सर्वे का कार्य बीआरपी-सीआरपी के माध्यम से कराने को कहा गया है.
Posted By: Sameer Oraon