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पटना पुलिस द्वारा बिना बताए अधिवक्ता को ले जाने के मामले में बिहार के गृह सचिव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश

जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. रांची के एसएसपी और दानापुर के एसपी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही बिहार के गृह सचिव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

Jharkhand News, रांची न्यूज (राणा प्रताप) : झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजनीश वर्धन को पटना पुलिस द्वारा बिना सूचना दिए ले जाने के मामले में सुनवाई के लिए अवकाश के बावजूद आज मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ बैठी और मामले की सुनवाई की. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने रांची के एसएसपी और दानापुर के एसपी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही बिहार के गृह सचिव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता व राज्य सरकार के अपर लोक अभियोजक रजनीश वर्धन को कल पटना पुलिस बिना पूर्व सूचना दिए और परिजनों को बताए बिना ही अपने साथ ले गयी थी. हालांकि एडवोकेट एसोसिएशन के दबाव के बाद उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया. इस बीच उनकी पत्नी की ओर से अपने पति को प्रस्तुत करने के लिए झारखंड हाईकोर्ट में हैवियस कार्पस याचिका (बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका) दायर की गई थी.

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झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता रजनीश वर्धन की पत्नी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ अवकाश के बावजूद आज मंगवार को बैठी. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. रांची के एसएसपी और दानापुर के एसपी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही बिहार के गृह सचिव को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी. आपको बता दें कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता रातू रोड के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के निवासी हैं.

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आपको बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट में राज्य सरकार के एपीपी रजनीश वर्धन को बिना सूचना दिये पटना पुलिस अपने साथ ले गयी थी. सूचना मिलते ही एडवोकेट एसोसिएशन, झारखंड हाइकोर्ट सक्रिय हो गया. एसोसिएशन की पहल के बाद अधिवक्ता की पत्नी ने हाईकोर्ट में हैवियस कॉर्पस याचिका (बंदी प्रत्यक्षीकरण) ऑनलाइन दायर की. याचिका में कहा गया है कि उनके पति रजनीश वर्धन को अपने साथ ले जाने के पूर्व पटना पुलिस ने परिजनों को कोई सूचना भी नहीं दी. उन्होंने अपने पति को प्रस्तुत करने की मांग की. हालांकि श्री वर्धन को पटना पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया. बताया जा रहा है कि दानापुर पुलिस गबन के मामले में अधिवक्ता को साथ ले गयी थी. हालांकि यह साफ नहीं हुआ कि गबन में अधिवक्ता की क्या भूमिका है.

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Posted By : Guru Swarup Mishra

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