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खनन घोटाले के आरोपी सुनील यादव और पांच दिनों की रिमांड पर, झारखंड हाईकोर्ट ने दिया आदेश

पीएमएलए कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद सुनील यादव लंबे समय तक फरार रहा. कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आलोक में साहिबगंज पुलिस ने उसे 25 अगस्त 2023 की रात गिरफ्तार किया.

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने खनन घोटाले के आरोपी सुनील यादव (दाहू यादव का भाई) को पांच दिनों की रिमांड पर देने का आदेश दिया है. मनी लाउंड्रिंग के किसी आरोपी को 15 दिनों की रिमांड खत्म होने के बाद अतिरिक्त पांच दिनों की रिमांड पर देने की यह पहली घटना है. हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में इडी उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगा. इसके बाद दो-तीन दिनों में उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर करेगा.

पीएमएलए कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद सुनील यादव लंबे समय तक फरार रहा. कोर्ट द्वारा जारी वारंट के आलोक में साहिबगंज पुलिस ने उसे 25 अगस्त 2023 की रात गिरफ्तार किया. 26 अगस्त को न्यायालय के आदेश के बाद उसे बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया गया. जेल भेजे जाने के बाद इडी ने खनन घोटाले में पूछताछ के लिए उसे रिमांड पर लिया. 15 दिनों तक पूछताछ के बाद न्यायालय के आदेश के आलोक में उसे जेल भेज दिया गया. हालांकि, अवैध खनन की जांच के दौरान इडी को उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की जरूरत महसूस हुई.

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इसलिए ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देकर अभियुक्त को अतिरिक्त पांच दिनों की रिमांड पर देने की मांग की. पीएमएलए कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद इडी के आवेदन को खारिज कर दिया. इस मामले में न्यायालय द्वारा पारित आदेश में कहा गया कि सीआरपीसी के प्रावधानों के तहत अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सिर्फ 15 दिनों के लिए ही रिमांड पर दिया जा सकता है. इसलिए अभियुक्त को अब अतिरिक्त रिमांड पर नहीं दिया जा सकता है.

ईडी ने किया हाइकोर्ट का रुख :

पीएमएल कोर्ट से सुनील यादव के रिमांड की याचिका खारिज होने के बाद इडी ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस याचिका पर 12 अक्तूबर को सुनवाई हुई. अदालत ने इस याचिका पर अभियुक्त को अपना पक्ष पेश करने के लिए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के माध्यम से नोटिस भेजा. साथ ही सुनवाई के लिए 16 अक्तूबर की तिथि तय की.

निर्धारित तिथि पर सुनवाई के दौरान अभियुक्त की ओर से अतिरिक्त पुलिस रिमांड की मांग का विरोध करते हुए सीआरपीसी के प्रावधानों के विपरीत बताया गया. इडी की ओर से ‘वी सेंथिल बालाजी बनाम इडी’ के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए अतिरिक्त पुलिस रिमांड का अनुरोध किया गया. न्यायालय ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद उक्त आदेश दिया.

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