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दुमका : ‘नाबालिग अंकिता के पीड़ित परिवार को क्या लाभ मिला’, झारखंड हाइकोर्ट ने पूछा

झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका में पेट्रोल कांड में नाबालिग अंकिता की जला कर हत्या करने मामले में जनहित याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान जानना चाहा कि पीड़ित परिवार को क्या-क्या लाभ दिया गया है.

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने दुमका में 23 अगस्त 2022 को पेट्रोल कांड में नाबालिग अंकिता की जला कर हत्या करने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर ऑनलाइन सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान जानना चाहा कि घटना के बाद पीड़ित परिवार को क्या-क्या लाभ दिया गया है. वहीं केंद्र सरकार को देवघर एम्स में बर्न वार्ड के मामले में पुन: स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा गया. पूर्व में भी खंडपीठ ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.

पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया

इससे पूर्व पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया गया कि पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पिछली सुनवाई के दौरान बताया था कि स्थानीय सांसद ने भी अपने स्तर से पीड़ित परिवार के लिए 28 लाख रुपये जमा किया है.

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जानें क्या है पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि 23 अगस्त 2022 को दुमका में पेट्रोल कांड में नाबालिग को जलाने की घटना को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. 23 अगस्त की रात शाहरुख नामक युवक ने घर में सो रही 12वीं की छात्रा अंकिता को जिंदा आग के हवाले कर दिया था. गंभीर रूप से घायल अंकिता को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया गया. बाद में उसे रिम्स में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गयी.

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