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Jharkhand News: झारखंड के इंटर कॉलेज शिक्षकों की नहीं बनेगी सेवा शर्त नियमावली, जानें क्या वजह

झारखंड के इंटर कॉलेज शिक्षकों के लिए नियमावली नहीं बन सकती है क्योंकि इंटर कॉलेज के कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं हैं. ऐसे में इस कोटि के कॉलेज के कर्मियों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है.

रांची: राज्य में इंटर कॉलेज शिक्षक व कर्मियों के लिए शिक्षा विभाग सेवा शर्त नियमावली नहीं बनायेगी. नियमावली को लेकर बनाये गये ड्राफ्ट को शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त इंटरमीडिएट कॉलेज एवं राज्य सरकार से स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेज के कर्मचारी सरकारी सेवक नहीं हैं.

ऐसे में इस कोटि के कॉलेज के कर्मियों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाना सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है. ऐसे में इसको लेकर शुरू की गयी प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है. राज्य में वर्ष 2019 में इंटर कॉलेज शिक्षक व कर्मियों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने नियमावली का ड्राफ्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा था. विभागीय स्तर पर इसकी प्रक्रिया लंबित थी. अब शिक्षा विभाग ने इसे निरस्त कर दिया.

नियमावली में किया गया था प्रावधान :

नियमावली में शिक्षकों की सेवा 60 वर्ष तक करने की प्रावधान था. 60 वर्ष के बाद अगर शासी निकाय चाहे तो पांच वर्ष के लिए शिक्षक को रख सकते थे. नियमावली में इसका प्रावधान किया गया था कि नियमावली लागू होने के 15 वर्ष पूर्व तक अगर किसी शिक्षक के पास बीएड की डिग्री नहीं है, तो उन्हें बीएड की अनिवार्यता से छूट दी जायेगी. कॉलेज में शिक्षकों की नियुक्ति में राज्य सरकार द्वारा तय प्रावधान का पालन अनिवार्य होगा. कॉलेज में शिक्षक के स्वीकृत पद के अनुरूप ही नियुक्ति करनी होगी. स्वीकृत पद से अधिक संख्या में नियुक्ति होने पर संबंधित कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.

मोर्चा ने जताया विरोध, आंदोलन की घोषणा 

झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सेवा शर्त नियमावली बनाये जाने की प्रक्रिया निरस्त किये जाने का विरोध किया है. मोर्चा ने रघुनाथ सिंह ने सेवा शर्त नियमावली जल्द बनाने की मांग की है. उन्होंने इस संबंध में विभाग द्वारा जारी पत्र वापस लेने की मांग की है. मांग को लेकर मोर्चा ने आंदोलन की घोषणा की है.

आंदोलन लेकर रविवार को मोर्चा की बैठक हुई. बैठक में निर्णय लिया गया कि स्कूल, कॉलेजों के अधिग्रहण व सेवा शर्त नियमावली को लेकर मोर्चा 28 सितंबर को मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपेगा. दो अक्तूबर को शिक्षक व कर्मचारी उपवास पर रहेंगे. नौ अक्तूबर को इसे लेकर आगे की आंदोलन की रणनीति तैयार करने को लेकर बैठक होगी. बैठक में राज्य भर के स्कूल, कॉलेज के प्राचार्यों की बैठक होगी. बैठक में 31 दिसंबर तक के आंदोलन की घोषणा की जायेगी. बैठक में सुरेंद्र झा, हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादिर, नरोत्तम सिंह, गणेश महतो, सुखदेव महतो, बलदेव पांडे व अन्य शामिल थे.

प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षक करेंगे आंदोलन

रांची. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य कायकारिणी की बैठक रविवार को हुई. बैठक में उत्क्रमित वेतनमान, एमएसीपी के लाभ समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन का निर्णय लिया गया. संघ के प्रदेश प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि आंदोलन के पहले चरण में सभी जिला अध्यक्ष आठ अक्तूबर को उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगे. आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा नौ अक्तूबर को होगी.

वक्ताओं ने कहा कि विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों की मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया, पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिक्षा विभाग द्वारा अब तक केवल आश्वासन दिया गया. ऐसे में शिक्षकों के समक्ष आंदोलन ही एकमात्र विकल्प है. बैठक में बिजेंद्र चौबे, राममूर्ति ठाकुर, धीरज कुमार, अजय ज्ञानी, दीपक दत्ता, संजय कुमार, राजेश कुमार समेत अन्य शिक्षक शामिल हुए.

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