रांची : वायरल कॉल और बिहार की राजनीति में भूचाल के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और चारा घोटाला मामले के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को आखिरकार फिर से पेइंग वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा. उन्होंने जिस नंबर से बिहार के नवनिर्वाचित विधायकों को फोन किया था, उस नंबर की जांच भी शुरू हो गयी है.
बिहार विधानसभा चुनाव में राजद की अगुवाई में सरकार नहीं बनने से निराश लालू प्रसाद ने नीतीश कुमार की सरकार को सत्ता में बने रहने से रोकने के लिए कथित तौर पर हर हथकंडे अपनाये. इसी कड़ी में उन्होंने स्पीकर के चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायकों को फोन करके नीतीश कुमार के उम्मीदवार को हराने के लिए कहा.
जिन लोगों को लालू प्रसाद ने फोन किया, उनमें से किसी ने इसकी जानकारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दे दी. सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करके जानकारी दी कि लालू प्रसाद यादव बिहार में सरकार गिराने का खेल खेल रहे हैं. इसके लिए वह नवनिर्वाचित विधायकों को फोन कर रहे हैं.
श्री मोदी ने दावा किया कि जिस नंबर से विधायकों को फोन किया गया, उस नंबर पर उन्होंने खुद फोन किया. फोन उठाने वाले व्यक्ति लालू प्रसाद यादव थे. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया था. गुरुवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने उन्हें भी फोन किया था.
लालू प्रसाद की इस हरकत के लिए बिहार के एनडीए के नेताओं ने लालू प्रसाद को तिहाड़ जेल भेजने की मांग कर दी. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि चारा घोटाला के कई मामलों में सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव बिरसा मुंडा जेल में बंद थे. गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद उन्हें राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में शिफ्ट कर दिया गया.
Also Read: Indian Railways News/IRCTC: सिमडेगा, चतरा और खूंटी को रेल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी
यहां से वह इलाज कराने के लिए दिल्ली के एम्स और मुंबई भी गये. बाद में कोर्ट ने कुछ दिनों से लिए उन्हें जमानत भी दी थी. जमानत पर वह अपने बड़े बेटे तेज प्रताप की सगाई में शामिल हुए. हालांकि, बाद में उन्हें कोर्ट के आदेश पर सरेंडर करना पड़ा और तब से वह रिम्स के पेइंग वार्ड में इलाज करवा रहे थे. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले कोरोना संक्रमण के डर से उन्हें रिम्स के निदेशक के केली बंगलो में शिफ्ट कर दिया गया था.
सरकार के इस फैसले पर झारखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने कई बार सवाल उठाये. बिहार चुनाव से पहले बड़ी संख्या में बिहार के राजद नेताओं का केली बंगलो आना-जाना लगा रहता था. भाजपा ने इस मुद्दे पर राज्य की हेमंत सोरेन सरकार को भी घेरा और कहा कि जेल मैनुअल की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं. पार्टी ने लालू प्रसाद यादव को जेल हिरासत में भेजने की कोर्ट से अपील की है.
Also Read: तीन दिन बाद बंगाल में गंगा नदी से निकली एक और लॉरी, केबिन में राजमहल के एक व्यक्ति का शव मिला
Posted By : Mithilesh Jha