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झामुमो का बीजेपी पर हमला- महिला आरक्षण बिल 2010 में राज्यसभा से पारित बिल का नया फ्लेवर

झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने झामुमो कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भाजपा पहले किचन रूम के सामानों का दाम बढ़ा कर महिलाओं को परेशान किया अब चुनावी आहट के बीच इस बिल के जरिए आधी आबादी को ठगना चाह रही है.

रांची : झामुमो ने कहा कि लोकसभा में पेश महिला आरक्षण बिल को 2010 में यूपीए सरकार के समय राज्यसभा से पारित बिल का नया फ्लेवर करार दिया है. उन्होंने कहा कि केवल बिल का कवर बदला गया है. इस बिल का फायदा जब तक नयी जातिगत जनगणना रिपोर्ट नहीं आयेगी, तब तक नहीं मिल सकता है. क्योंकि अभी भी देश में 2011 का ही आंकड़ा है. कोरोना के कारण 2021 में राष्ट्रीय जनगणना नहींं हुई, आगे सरकार करायेगी या नहीं, इसका भी अता-पता नहीं है. यानी कि कुल मिला कर यह बिल लोकसभा चुनाव में एक झुनझुना की तरह ही होगा. नया बिल पास कराने के लिए राज्यसभा से पारित बिल को पहले केंद्र सरकार को वापस लेना होगा.

यह बात झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने झामुमो कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भाजपा पहले किचन रूम के सामानों का दाम बढ़ा कर महिलाओं को परेशान किया अब चुनावी आहट के बीच इस बिल के जरिए आधी आबादी को ठगना चाह रही है. दरअसल बिल को लेकर उनकी नीयत साफ नहीं है. यह एक चुनावी स्टंट दिखता है. फिर भी बिल को देखा नहीं है, बिल के प्रारूप के बाद ही पार्टी अपना रुख स्पष्ट करेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र महिलाओं 33 प्रतिशत क्यों दे रही है, हम तो 50 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में हैं.

जिस मामले में क्लीन चिट, बार-बार उसी मामले में हेमंत सोरेन पर आरोप क्यों लगता है: श्री भट्टाचार्य भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के आरोपों पर कहा कि जिस मामले में रघुवर दास द्वारा गठित एसआइटी में देवाशीष गुप्ता की कमेटी ने सोरेन परिवार को क्लीन चीट दे दिया. हाइकोर्ट के द्वारा प्रार्थी को कड़ी फटकार और जुर्माना लगाने के बाद भी बार-बार वही पेपर का फोटोकॉपी लेकर राज्य एवं देश स्तर पर भ्रम फैलाया जाता है. जब से हेमंत सोरेन को इंडिया गठबंधन समन्वय समिति का राष्ट्रीय सदस्य बनाया गया है, तब से भाजपा बौखला गयी है. यही कारण है कि लगातार विभिन्न माध्यमों से भ्रम फैलाने का काम भाजपा द्वारा किया जा रहा है. सरकार गठन से लेकर अब तक भ्रम फैलाकर एक आदिवासी सीएम को परेशान किया जा रहा है, इसका जवाब 2024 में जनता देगी. भाजपा को जहां जांच करानी हो करा लें. पर गुजरात के मुंद्रा पोर्ट की भी साथ ही जांच करायें. केवल गैर भाजपाई सरकारों को डराने एवं धमकाने का खेल बंद होना चाहिए.

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शिबू को बुलाया लोकसभा के प्रति कृतज्ञता जताते हैं: श्री भट्टाकार्य ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वे अभी ठीक हैं. अस्पताल से छुट्टी मिल गयी है. उनका रूटीन चेक अप होना है. इसलिए अभी कुछ दिनों तक वे दिल्ली में ही रहेंगे. केंद्र ने वरिष्ठ सांसद के नाते लोकसभा के सेंट्रल हॉल में आमंत्रित किया था. पर स्वास्थ्य कारणों से वह नहीं जा सके. पार्टी लोकसभा और संसदीय कार्य मंत्री के प्रति कृतज्ञता जताती है.

चुनाव से डरी भाजपा कर रही महिला आरक्षण की बात : राजद

रांची. प्रदेश राजद की उपाध्यक्ष अनीता यादव ने कहा कि आज तक केंद्र में बैठी हुई भाजपा की सरकार ने कभी भी महिला, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के हित में कोई भी कार्य नहीं किया. आज विपक्षी दलों की एकता को देखते हुए केंद्र में बैठी हुई सरकार 2024 के चुनाव को लेकर भयभीत हो गयी है. यही कारण है कि अब महिला आरक्षण की बात कर रही है. लेकिन किन महिलाओं को आरक्षण मिलेगा ? क्या इस आरक्षण में आदिवासी, पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज को आरक्षण मिल रहा है? अगर नहीं, तो इसका मतलब साफ होगा कि यह पिछड़े, दलित और आदिवासियों के आरक्षण के विरोध में षड्यंत्र के तहत लाया गया महिला आरक्षण बिल है.

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