रांची : धुर्वा पुलिस ने पीएलएफआइ को हथियार व कारतूस समेत अन्य चीजों की आपूर्ति करने के आरोपी निवेश कुमार के धुर्वा स्थित अादर्शनगर के आम बगान में रविवार की देर रात छापेमारी की. वहां से पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के लेवी के 61.31 लाख रुपये के साथ निवेश के पिता सुभाष पासवान व भाई प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया.
वहीं जगन्नाथपुर इलाके के एक घर से एक पिस्टल व 32 कारतूस बरामद किये गये. पुलिस को रुपये की गिनती करने के लिए मशीन मंगानी पड़ी. जगन्नाथपुर थाना में पिता-पुत्र पर आर्म्स एक्ट के तहत अलग से प्राथमिकी दर्ज की गयी है़ इससे पूर्व तीन अारोपी व पिता-पुत्रों पर धोखाधड़ी, ठगी व उग्रवादी गतिविधि में शामिल होने को लेकर 17 सीएलए एक्ट के तहत धुर्वा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी है़
पिता-पुत्र ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दिनेश गोप के लिए निवेश पाकिस्तान, चीन, बेल्जियम, स्काॅटलैंड से उम्दा किस्म हथियार मंगाता था. वह पिस्टल, रिवाल्वर के साथ एके-47 जैसे हथियार भी मंगाता था और दिनेश गोप तक पहुंचाता था़ गौरतलब है छह जनवरी को गिरफ्तार पीएलएफआइ के तीन सहयोगियों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की.
पुलिस के अनुसार निवेश के पिता सुभाष पासवान आरपीएफ से निष्कासित जवान है़ं आरपीएफ में सिपाही के पद पर बहाली हुई थी, लेकिन गलत शैक्षणिक सर्टिफिकेट देने के कारण उन्हें निष्कासित कर दिया गया था़ उसने पुलिस को बताया है गलत जाति प्रमाण पत्र की जानकारी होने के बाद उन्हें नौकरी से निकाला गया था़ इसके बाद से वह घर में ही रह रह ेथे.
पुलिस को पता चला कि निवेश ने अपने साले, भाई, बहन व परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से कंस्ट्रक्शन कंपनी, टूर एंड ट्रेवल्स समेत कई कंपनियां खोल रखी है. कंपनियों के नाम पर दर्जनों अकाउंट खुले हुए हैं, जिसमें लेवी की राशि जमा होती है. पुलिस ने कई अकाउंट को जब्त किया है़
पुलिस के अनुसार उसने लेवी की राशि से ही बीएमडब्ल्यू और थार जैसी महंगी गाड़ियां खरीदी है. कई गाड़ी वह भाड़े पर भी चलाता है़ कई स्थान पर जमीन भी खरीदी है. वे लोग मूल रूप से खूंटी के है़ं निवेश के फरार होने के बाद उसके पिता सुभाष पासवान व भाई प्रवीण कुमार भी भाग गये और दूसरे किराये के घर में छिप कर रह रहे थेे.
चार जनवरी से पुलिस छापेमारी कर रही है, इसकी भनक निवेश को लग चुकी थी. वह पुराने सभी मोबाइल काे हटा कर उसमें नया सिम डालना चाहता था. उसने परिवार के सभी सदस्यों के लिए दो लाख रुपये का मोबाइल खरीदा था, ताकि पुलिस लोकेशन व इएमइआइ नंबर के आधार पर उन तक नहीं पहुंच सके़ पुलिस का कहना है कि निवेश के गिरफ्तारी के बाद पुलिस को और कई जानकारी मिलेगी़
Posted By : Sameer Oraon