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कोरोना संक्रमण काल में झारखंड प्रवासी कंट्रोल रूम ने 8 लाख से अधिक श्रमिकों को पहुंचायी मदद, सीएम हेमंत बोले- मिशन में बदला यह प्रयास

Jharkhand News (रांची) : देश में कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को झारखंड प्रवासी कंट्रोल रूम ने काफी मदद पहुंचायी है. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर 27 मार्च, 2020 को कंट्रोल रूम की शुरुआत हुई. राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा फिया फाउंडेशन के सहयोग से देश के अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को मदद पहुंचायी गयी है. प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर 8 लाख से अधिक कॉल आये, जिन्हें समय रहते मदद पहुंचायी गयी.

Jharkhand News (रांची) : देश में कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों को झारखंड प्रवासी कंट्रोल रूम ने काफी मदद पहुंचायी है. सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर 27 मार्च, 2020 को कंट्रोल रूम की शुरुआत हुई. राज्य सरकार के श्रम विभाग द्वारा फिया फाउंडेशन के सहयोग से देश के अन्य राज्यों में फंसे झारखंड के मजदूरों को मदद पहुंचायी गयी है. प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर 8 लाख से अधिक कॉल आये, जिन्हें समय रहते मदद पहुंचायी गयी.

कोरोना संक्रमण के दौरान राज्य के प्रवासी श्रमिक देश के अलग-अलग राज्यों में फंस थे. इन श्रमिकों के समक्ष कई तरह की समस्याएं थी और उन्हें मदद की जरूरत थी. प्रवासी श्रमिकों की दयनीय स्थिति के बारे में पता चलने के बाद झारखंड राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की शुरुआत हुई. श्रमिकों की मदद के लिए जो महाअभियान पिछले साल शुरू किया गया था, वह अभी भी जारी है. नियंत्रण कक्ष के द्वारा अब तक लाखों श्रमिकों की मदद की गयी है.

राज्य प्रवासी कंट्रोल रूम मिशन में बदला : सीएम

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना काल के दौरान राज्य के प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए शुरू किया गया कंट्रोल रूम अब एक मिशन में बदल गया है. मजदूरों के अधिकारों का हनन न हो यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है. श्रमिकों की समस्याओं के निदान के लिए नियंत्रण कक्ष कई हेल्पलाइन नंबर भी क्रियाशील है.

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8 लाख से अधिक दर्ज हुए कॉल

कोरोना संक्रमण के दौर से लेकर अब तक राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष में कुल मिलाकर 8, 22, 239 कॉल आये. इनमें पिछले साल 27 मार्च से 31 दिसंबर 2020 की अवधि में 5, 09,756 कॉल दर्ज हुए थे. जबकि 01 जनवरी से 25 जून 2021 की अवधि में 3,12,483 कॉल दर्ज किये गये. ये कॉल लेह लद्दाख, अंडमान निकोबार सहित देश के कई अन्य राज्यों से आये थे. जिनमें श्रमिकों ने मदद मांगी थी. इसके अलावा नेपाल, मध्य पूर्व एशिया, भूटान, म्यांमार, बहरीन, स्वीडन, नाईजीरिया, साउथ अफ्रीका, दुबई, सउदी और मलेशिया में फंसे प्रवासी मजदूरों ने भी मदद मांगी. उन सभी तक मदद पहुंचायी गयी.

श्रमिकों के बकाया पैसे भी दिलाये

इस कंट्रोल रूम में कई श्रमिकों ने शिकायत कि थी कि वे जहां पर काम कर रहे थे. वहां उनका पैसा फंसा हुआ है. बकाये पैसे की मांग करने के बाद भी श्रमिकों को मेहनताना नहीं मिल रहा था. इसके बाद प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने पहल कर श्रमिकों के पैसे वापस दिलाये. पिछले वर्ष श्रमिकों का बकाया 26,15,285 रुपये वापस कराये गये थे. इस वर्ष अभी तक 11,77,086 रुपये दिलाये गये हैं.

श्रमिकों की हुई कांउसेलिंग

राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष की ओर से जनवरी से जून 2021 तक करीब 4828 मजदूरों की काउंसेलिंग की गयी. उनकी समस्याओं को समझने के बाद जरूरत के मुताबिक सहायता पहुंचायी गयी. अब तक कुल 4,73,257 श्रमिकों की काउंसेलिंग की गयी थी. इससे श्रमिकों को काफी राहत पहुंची.

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जारी है मदद का यह अभियान

श्रमिकों की मदद के लिए पिछले साल शुरू हुआ यह अभियान वर्तमान में भी चल रहा है. इसके लिए राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार सक्रिय है. श्रमिकों के लिए 7 लैंड लाइन और 5 व्हाट्सएप नंबर जारी किये गये हैं. अगर आप भी प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं, तो इन नंबरों पर फोन कर मदद मांग सकते हैं.
ये नंबर है

0651-2481055

0651-2480058

0651-2480083

0651-2482052

0651-2481037

0651-2481188

18003456526

9470132591

9431336427

9431336398

9431336472

Posted By : Samir Ranjan.

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