Jharkhand News (रांची) : झारखंड के आदिवासी बच्चे अब विदेशों में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे. इसके लिए राज्य की हेमंत सरकार ने मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम की शुरुआत की है. इसके तहत अनुसूचित जनजाति के बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कॉलरशिप मिलेगी. गुरुवार को सीएम हेमंत सोरेन और आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने स्कॉलरशिप पाने वाले 6 स्टूडेंट्स को सम्मानित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. इस मौके पर इन स्टूडेंट्स के माता-पिता को भी सम्मानित किया गया.
इस अवसर पर सीएम श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड के 6 आदिवासी बच्चे उच्च शिक्षा के लिए यूनाइटेड किंगडम जा रहें हैं. इन्हें यह मौका मिलना चाहिए था. सरकार का लक्ष्य 10 बच्चों के चयन का था, लेकिन अब आनेवाले दिनों में 10 से अधिक बच्चों का चयन कर उन्हें विदेश में उच्च शिक्षा देने का अवसर दिया जायेगा.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि विदेश में उच्च शिक्षा के लिए 10 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. बजट में बचने वाली राशि का समायोजन अगले वित्तीय वर्ष में विभाग करें, ताकि अधिक से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर विदेश में मिल सके. राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति व जनजाति के उद्यमियों को उद्योग स्थापना में भी सहयोग दे रही है.
उन्होंने कहा कि झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 में इन वर्गों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. केंद्र सरकार से भी इन वर्गों को टैक्स में राहत देने का आग्रह सरकार द्वारा किया गया है. कहा कि आदिवासी वर्ग शैक्षिक रूप से पीछे रहे हैं. राज्य सरकार इस पर लगातार मंथन कर रही है कि कैसे वंचित, कमजोर, दलित, पिछड़ा वर्ग की बेहतरी के लिए कार्य किया जाये. सरकार इन वर्गों के लिए सदैव खड़ी है.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि सरकार राज्य के आंतरिक संसाधनों का उपयोग कर आगे बढ़ेगी. झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा होना आवश्यक है, ताकि नई पीढ़ी नये नजरों से झारखंड को देख सके. राज्यवासी और उनकी भावनाओं के साथ झारखंड आगे बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि फिलहाल यह योजना आदिवासी समुदाय के छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर दे रही है. भविष्य में अन्य वर्गों के बच्चों को भी अवसर देने पर सरकार विचार करेगी. सरकार ने राज्य में अव्वल आने वाले विद्यार्थियों को भी आर्थिक सहायता पहुंचा रही है, ताकि उनके आगे की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा ना आये.
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आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि इस योजना से अनुसूचित जनजाति के छात्र लाभान्वित हो रहे हैं. यह सराहनीय कदम है. मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है. एक समय था जब मैं बोरा में बैठकर प्राइमरी स्कूल की शिक्षा ली है. यह सुखद क्षण है कि मेरे हस्ताक्षर से राज्य के बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जा रहे हैं. जयपाल सिंह मुंडा ने झारखंड को अलग पहचान दी है. शिक्षा बहुत जरूरी है. बिना शिक्षा के हम विकास नहीं कर सकते. शिक्षा के माध्यम से ही हम सही दिशा में जा सकेंगे.
राज्य सरकार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय स्कॉलरशिप स्कीम के तहत इंग्लैंड एवं आयरलैंड की यूनिवर्सिटी में उच्च शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस सहित उनके रहने एवं अन्य खर्च वहन करेगी. इसके लिए हर साल झारखंड के रहने वाले 10 अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों का चयन किया जायेगा. वर्तमान में चयनित 6 छात्र इसी महीने उच्च शिक्षा के लिए विदेश जायेंगे.
स्कॉलरशिप के लिए चयनित छात्रों में हरक्यूलिस सिंह मुंडा यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के स्कूल ऑफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज में MA की पढ़ाई करने जा रहे हैं. अजितेश मुर्मू यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन में आर्किटेक्चर में MA की पढ़ाई करेंगे. आकांक्षा मेरी का चयन लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट चेंज साइंस एंड मैनेजमेंट में MSC के लिए हुआ है. दिनेश भगत यूनिवर्सिटी ऑफ सक्सेस में क्लाइमेट चेंज, डेवलपमेंट एंड पॉलिसी में MSC की पढ़ाई करेंगे. इसके अलावा अंजना प्रतिमा डुंगडुंग यूनिवर्सिटी ऑफ वार्विक में MSC तथा प्रिया मुर्मू लॉ बॉर्ग यूनिवर्सिटी में क्रिएटिव राइटिंग एंड द राइटिंग इंडस्ट्रीज में MA की पढ़ाई के लिए चयनित हुई हैं.
इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव केके सोन, आदिवासी कल्याण आयुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, अपर सचिव कल्याण विभाग अजय नाथ झा समेत अन्य उपस्थित थे.
Posted By : Samir Ranjan.