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रांची में फ्लैट बना रही एसोटेक कंपनी पर जालसाजी का आरोप

रांची में फ्लैट बनाने वाली कंपनी पर जालसाजी का आरोप

asotech company case in ranchi, asotech company md arrasted रांची : दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले दिनों एसोटेक लिमिटेड के एमडी संजीव श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया है. उस पर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और बिहार सहित अन्य स्थानों पर धोखाधड़ी और जालसाजी के 150 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.

दिल्ली हाइकोर्ट की रोक के बावजूद संजीव श्रीवास्तव ने जालसाजी करते हुए ‘एसोटेक सन ग्रोथ एलएलपी’ और ‘एसोटेक न्यू सिटी एलएपी’ को झारखंड रेरा (रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी) में निबंधित कराया. ये दोनों कंपनियां फिलहाल रांची में फ्लैट का निर्माण कर रही हैं.

कंपनी के पूर्व निदेशक मनोज श्रीवास्तव ने इसकी शिकायत रेरा से की थी. शिकायत की सुनवाई के बाद रेरा ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं, हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में कंपनी द्वारा रांची में चलाये जा रहे दोनों प्रोजेक्ट भी अब जांच के दायरे में आ चुके हैं.

गौरतलब है कि मूल कंपनी एसोटेक लिमिटेड द्वारा की गयी जालसाजी के मद्देनजर दिल्ली हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. मनमोहन सिंह भल्ला बनाम एसोटेक लिमिटेड के इस मामले (सीओपीइटी-357/2015) में दिल्ली हाइकोर्ट ने आठ फरवरी 2016 को लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया. साथ ही कंपनी की परिसंपत्तियों की बिक्री व हस्तांतरण पर रोक लगा दी.

हाइकोर्ट के आदेश के आलोक में कंपनी के निदेशक मंडल की शक्तियां आठ फरवरी से ही शिथिल हो गयीं. इस बीच दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा लगायी पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए संजीव श्रीवास्तव ने एसोटेक लिमिटेड की रांची स्थित दोनों सहायक कंपनियों ‘एसोटेक सन ग्रोथ एलएलपी’ और ‘एसोटेक न्यू सिटी एलएपी’ को अपनी बेटियों के नाम ट्रांसफर कर दिया है. साथ ही दोनों कंपनियों को झारखंड रेरा में निबंधित कराया और दस्तावेज में इसे कर्ज के तौर पर दिखाया है. इन दोनों कंपनियों के निबंधित कार्यालय का पता अॉफिस नंबर 148, मयूर विहार फेज-वन, नयी दिल्ली है.

धोखाधड़ी. दिल्ली में गिरफ्तार हो चुका है एसोटेक का एमडी, जालसाजी के 150 से अधिक मामले दर्ज

दिल्ली हाइकोर्ट ने एसोटेक लिमिटेड की परिसंपत्तियों की बिक्री और ट्रांसफर पर लगा रखी है पाबंदी

फिर भी संजीव श्रीवास्तव ने रांची स्थित दोनों सहायक कंपनियां अपनी बेटियों के नाम ट्रांसफर कर दीं

कंपनी के पूर्व निदेशक ने झारखंड रेरा में की शिकायत, सुनवाई के बाद सुरक्षित रख लिया गया फैसला

लिक्विडेटर ने अदालत को दी आदेश के उल्लंघन की जानकारी

नवंबर में हाइकोर्ट द्वारा नियुक्त लिक्विडेटर की ओर से अदालत को यह जानकारी दी गयी कि कंपनी द्वारा आठ फरवरी 2016 को दिये गये आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाइकोर्ट ने इस मामले में सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) को कंपनी की गतिविधियों की जांच का आदेश दिया. साथ ही हाइकोर्ट ने रांची स्थित इन दोनों कंपनियों को भी नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है कि क्यों नहीं उन्हें दिया गया कर्ज वापस ले लिया जाये.

Posted By : Sameer Oraon

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