राजीव पांडेय, रांची : कोरोना के 215 दिनों के सफर में अबतक 833 लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें पुरुषाें की अपेक्षा महिलाओं की मौत का आंकड़ा कम है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा 30 अक्तूबर (सुबह 10 बजे तक) को जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 212 महिला, युवती व बच्चियों की कोरोना से मौत हो चुकी है. यानी कुल आंकड़ा 23% है. इनमें भी सबसे ज्यादा 51 से 70 साल की महिलाएं शामिल हैं. इस आयु वर्ग में हुई कुल 446 मौत में 116 महिलाएं हैं.
वहीं, 70 से अधिक उम्र की 43 बुजुर्ग महिलाओं की मौत कोरोना से हुई. 30-31 साल के आयु वर्ग में 43 महिलाओं की मौत हुई है. राहत की बात यह है कि 11 से 30 साल की मात्र युवतियों की मौत हुई है. इसके अलावा दो बच्चियों ने भी दम तोड़ दिया. विशेषज्ञ डॉक्टरों की मानें, तो 51 से 70 साल की उम्र में सबसे ज्यादा मौत गंभीर बीमारी के कारण हुई है.
अधिक उम्र के साथ-साथ काेरोना होना महिलाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण है. विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि महिलाओं का इम्यून िसस्टम बेहतर होता है. उनमें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व हार्ट की बीमारी पुरुषाें की अपेक्षा कम होती है. वहीं, पुरुष धूम्रपान ज्यादा करते हैं और महिलाआें की अपेक्षा हाथ भी कम धोते हैं.
महिलाओं में कोरोना से कम मौत होने का कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता का अधिक होना है. धूम्रपान व शराब का सेवन नहीं करने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है. पुरुषाें की अपेक्षा महिलाओं में हार्ट व ब्लड प्रेशर की बीमारी कम होती है. पूरी दुनिया में कोरोना से महिलाओं में कम मौत हुई है.
– डॉ प्रदीप भट्टाचार्या, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ
रिम्स में 89 संक्रमित भर्ती, 186 बेड खाली : रांची में संक्रमितों की संख्या में कमी हुई है. रिम्स में भर्ती मरीजों की कम संख्या से भी इसकी पुष्टि होती है. रिम्स में ऑक्सीजन व नन ऑक्सीजन वाले कुल 295 बेड हैं, लेकिन अभी 186 बेड खाली हैं. सिर्फ 89 बेड पर ही संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. रिम्स के ऑक्सीजन युक्त 181 बेड में से 67 पर संक्रमित भर्ती है. इस तरह 114 बेड खाली हैंं. इसके अलावा नन-ऑक्सीजन के 114 बेड में से 22 पर संक्रमित भर्ती हैं तथा 72 बेड खाली हैं.
प्रभारी अधीक्षक डॉ डीके सिन्हा ने बताया कि नये संक्रमितों की संख्या में कमी अायी है, जिससे बेड के लिए मारामारी नहीं है. उन्होंने कहा कि रिम्स में संक्रमितों की संख्या में कमी के कारण डॉक्टर, नर्स व पारा मेडिकल स्टाफ राहत महसूस कर रहे हैं. वैसे डॉक्टर, नर्स व पारा मेडिकल स्टाफ को आराम दिया जा रहा है, जो लगातार सेवा दे रहे थे. अगर स्थिति में सुधार जारी रहा, तो बेड की संख्या कम की जा सकती है.
Posted by: Pritish Sahay