Jharkhand News : रांची : झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से आज स्वयं सेवी संस्था युगांतर भारती के कार्यकारी अध्यक्ष अंशुल शरण की अगुवाई में राज्य के वरिष्ठ कलाकारों ने अपनी मांगों को लेकर मुलाकात की और 13 सूत्री मांगों को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कोरोना काल में कलाकारों की बदतर होती आर्थिक स्थिति से उन्हें अवगत कराया गया.
युगांतर भारती के कार्यकारी अध्यक्ष अंशुल शरण ने बताया कि कला हमारे आसपास की दुनिया की चिंताओं, खुशियों और विचारों को सार्थकता प्रदान करने का एक सशक्त माध्यम है. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से राज्य के सभी कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं. वे किसी कार्यशाला में भाग भी नहीं ले पा रहे हैं. सरकारी कार्यक्रम भी बंद हैं. इससे स्वतंत्र कलाकारों की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो गयी है. राज्य के कलाकारों की 13 सूत्री मांगों से मुख्य सचिव को अवगत कराया गया है.
कलाकारों एवं कला-संस्कृति सहित मंदिरों, भग्नावशेषों एवं ऐतिहासिक स्थानों आदि को संरक्षण प्रदान किया जाये, कला एवं संस्कृति से संबंधित रूपरेखा तैयार करने के लिए एक वार्षिक कैलेन्डर बनाया जाये, झारखंड में प्रतिवर्ष राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला मेला का आयोजन किया जाये, देश एवं विदेश के ख्यातिप्राप्त कलाविदों को उस मेले में आमंत्रित किया जाये, कमेटी में कला, संगीत, शिल्पकार, वास्तुकार, पुरातत्वविद आदि क्षेत्र के स्थानीय विशेषज्ञों को स्थान दिया जाये.
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यह कमेटी राज्य की कला को संरक्षण प्रदान करने, उनका उत्थान करने, नये कलाकारों को मंच प्रदान करने, कला-संस्कृति के क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाशने आदि विभिन्न मुद्दों पर काम करेगी. सामयिक कलाकारों की कला को मान्यता दिया जाये.
कमेटी विधान सभा, राज्य के सभी मंत्रालयों और अन्य सरकारी भवनों एवं राजधानी सहित राज्य के प्रमुख बड़े शहरों का सौन्दर्यीकरण करने में स्थानीय कलाकारों द्वारा निर्मित कलाकृतियों से ही सजावट की दिशा में काम करेगी. कमेटी स्वायतशासी निकाय पद्धति पर कार्यरत हो, कमेटी के कामकाज पर बाहरी हस्तक्षेप न हो, कमेटी के गठन के लिए मध्य प्रदेश सरकार के मॉडल का अनुसरण किया जाये, सूचना भवन स्थित आड्रे हाउस को एक हायरिंग कमेटी के अधीन किया जाये.
सुयोग्य कलाकारों को उचित कला संबंधित शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिलाने के लिए एक राज्य स्तरीय कला एकेडमी का गठन किया जाये, जिसमें विभिन्न कलाओं से संबंधित छात्रों को स्नातक एवं मास्टर डिग्री प्रदान की जाये, सी.एस.आर. के तहत मिलने वाली राशि को कला के क्षेत्र में एक निश्चित अनुपात में निवेश करने का निदेश व्यावसायिक प्रक्षेत्र को दिया जाये एवं राज्य ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी इत्यादि की तर्ज पर राज्य में भी ऐसी अकादमियों का गठन किया जाये. मौके पर वरिष्ठ कलाकार हरेन ठाकुर, रामानुज शेखर, दिनेश सिंह सहित अन्य कलाकार उपस्थित थे.
Posted By : Guru Swarup Mishra