Jharkhand News, रांची न्यूज : भविष्य में भीषण आपदा या ब्लैकआउट की स्थिति होने पर भी रांची को ब्लैक आउट नहीं होने देने की योजना पर काम किया जायेगा. भारत सरकार की आइलैंडिंग स्कीम के तहत रांची और पटना को चुना गया है. योजना के तहत ब्लैकआउट की स्थिति में भी बिजली की आपूर्ति बहाल रखने के लिए आधारभूत संरचना विकसित की जानी है. शुक्रवार को कोलकाता में हुई इस्टर्न रीजन पावर कमेटी (इआरपीसी) की बैठक में इस पर चर्चा की गयी. अब राज्य सरकार को आवश्यक आधारभूत संरचना तैयार करने के लिए डीपीआर तैयार करेगी. केंद्र द्वारा डीपीआर की मंजूरी मिलने के बाद राशि आवंटित की जायेगी.
आइलैंडिंग ब्लैकआउट के दौरान पावर सिस्टम डिफेंस प्लान के तहत बिजली व्यवस्था बनाये रखने का अंतिम उपाय है. इस ऊर्जा रक्षा तंत्र में सिस्टम के एक भाग को पूरी तरह दूसरे प्रभावित ग्रिड से अलग किया जाता है, ताकि यह उप-भाग ग्रिड के बाकी हिस्सों से अलग होने पर भी चालू रह सके. आइलैंडिंग में बिजली आपूर्ति के कई स्रोत होंगे, जिसमें एक के फेल होने पर अन्य ट्रांसमिशन माध्यमों का इस्तेमाल आसानी से हो सकेगा. आइलैंडिंग योजना एक बड़ी ग्रिड गड़बड़ी के दौरान ब्लैकआउट से बचाने में हमारी मदद करता है. साथ ही बंद पड़े ग्रिड की त्वरित बहाली में भी मदद करता है.
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झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के एमडी केके वर्मा ने बताया कि जुलाई 2012 में हुई ग्रिड गड़बड़ी के दौरान कोलकाता में आइलैंडिंग स्कीम काफी सफल रही. इसके चलते पूर्वोत्तर के कई राज्यों में ब्लैक आउट होने के बावजूद कोलकाता शहर में बिजली आपूर्ति को सुचारू रखा जा सका था. सीइएससी प्रणाली और कई छोटे सीपीपी सिस्टम पर कुछ लोड देकर शहर के ग्रिड को सफलतापूर्वक चालू रखा गया.
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Posted By : Guru Swarup Mishra