Jharkhand News, Ranchi News, रांची : झारखंड में ह्यूमन ट्रैफिकिंग, डायन प्रथा, बाल मजदूरी, बाल विवाह और घरेलू हिंसा के मुद्दे पर काम कर रही सखी सहेली पीड़ित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा रही है. सखी सहेली पीड़ित लड़कियों और महिलाओं को सशक्त कर स्किल ट्रेनिंग से जोड़ रही है, ताकि ये महिलाएं भी अपने पैरों पर खुद खड़ी हो सके.
सखी सहेली एक सामाजिक संस्था है, जो झारखंड के खूंटी जिले में महिलाओं के उत्थान को प्रयासरत है. इसके तहत पीड़ित लड़कियों एवं महिलाओं का एक समूह है जो गांव- गांव जा कर मीटिंग करती है, संगठन बनाती है और सरकारी योजनाओं से जोड़ने के काम के साथ स्किल ट्रेनिंग दिला कर स्वरोजगार से जोड़ने का काम करती है, ताकि ना तो पलायन हो सके और ना ही रोजगार के अभाव में किसी के चंगुल में फंसे.
वर्तमान में 1500 लड़कियां /महिलाएं इस संस्था से जुड़ी है. वर्तमान में 40 लड़कियों को ट्रेनिंग दिया जा रहा है. इस संस्था की विशेषता है कि इसका संचालन पीड़ित लड़कियां ही करती है. साथ ही इससे जुड़ी हर लड़कियां या महिलाएं किसी न किसी तरीके से पीड़ित हैं और संघर्ष कर सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए विशेष पहल कर रही है.
ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां आत्मनिर्भन बने इसके लिए नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर खोली जा रही है. इसके उद्देश्य पीड़ित लड़कियों में आत्मविश्वास आ सके और खुद को सशक्त बना सके. इसी के तहत आगामी 15 फरवरी को खूंटी जिले के सदर प्रखंड स्थित मंद्रू टोली चिकोर में कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत भी होगी. वहीं, हर तीन महीने में 50 लड़कियों या महिलाओं को स्किल कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने में मदद प्रदान करेगी.
Posted By : Samir Ranjan.