Jharkhand News : रांची : झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2350 सहायक पुलिसकर्मी तीसरे दिन भी स्थायीकरण की मांग को लेकर रांची के मोरहाबादी मैदान में डटे हैं. आज वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले. इस दौरान रांची एसएसपी व सिटी एसपी से बातचीत के बाद वे वापस मोरहाबादी मैदान लौट आए. आपको बता दें कि पिछले तीन दिनों से वे आंदोलित हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जायेंगी, वे आंदोलन पर डटे रहेंगे. वे सीएम हेमंत सोरेन से वार्ता की मांग पर अड़े हैं.
झारखंड के 12 नक्सल प्रभावित जिलों के 2350 सहायक पुलिसकर्मी तीसरे दिन भी स्थायीकरण की मांग पर अड़े हैं. वे पुलिस में सीधी नियुक्ति चाहते हैं. पिछले तीन साल से वे सहायक पुलिस के रूप में नक्सल प्रभावित जिलों में सेवा दे रहे हैं. आज रांची के मोरहाबादी मैदान से वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने निकले, लेकिन रांची एसएसपी व सिटी एसपी से बातचीत के बाद वे वापस मोरहाबादी मैदान लौट आए हैं. झारखंड में नक्सल से जुड़ी हर News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
आंदोलनरत सहायक पुलिसकर्मियों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी हैं. इनके साथ बच्चे भी हैं. बच्चों की देखभाल में काफी परेशानी हो रही है. सहायक पुलिस कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल पहले रांची रेंज डीआइजी अखिलेश झा, एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा और गृह सचिव राजीव अरुण एक्का से मिल चुका है, लेकिन वार्ता सफल नहीं हो सकी थी. स्थायीकरण की मांग को लेकर सात सितंबर से सहायक पुलिसकर्मी हड़ताल पर हैं. इससे पहले उन्होंने काला बिल्ला लगाकर काम किया था. आपको बता दें कि पिछले तीन साल से ये सहायक पुलिस के रूप में सेवा दे रहे हैं. तीन साल बाद इन्हें स्थायी करने का आश्वासन दिया गया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वार्ता की मांग पर ये अब तक अड़े हैं. राज्य के विभिन्न जिलों से ये कोरोना संकट के दौर में भी पैदल चलकर रांची के मोरहाबादी मैदान तक पहुंच गये.
मोरहाबादी मैदान में अपनी मांगों पर अड़े सहायक पुलिसकर्मियों से रविवार को झारखंड के पूर्व सीएम व भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी व मेयर आशा लकड़ा ने मुलाकात की थी. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि इनकी मांगों पर सरकार को गौर करना चाहिए.
Posted By : Guru Swarup Mishra