Jharkhand News, Ranchi news, Sarkari Naukri In Sports रांची : परिवार चलाने के लिए मनरेगा मजदूरी करनेवाले लॉन बॉल के खिलाड़ी आलोक लकड़ा और हड़िया बेचनेवाली कराटेकार विमला मुंडा को अब आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा. राज्य के लिए दर्जनों पदक जीतनेवाले ऐसे 26 खिलाड़ियों को राज्य की खेल नीति के तहत राज्य सरकार ने आरक्षी पद पर नौकरी दी है. बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों नियुक्ति पत्र मिलने के बाद इनके चेहरों पर चमक थी.
इस मौके पर प्रभात खबर ने आलोक और विमला से विशेष बातचीत की. इस दौरान दोनों भावुक हो गये. बरगावां, नामकुम के रहनेवाले लॉन बॉल खिलाड़ी आलोक लकड़ा को घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी. 10वीं लॉन बॉल एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड (सिंगल्स) व ब्रांज (मिक्स पेयर्स) और 2015 में केरल में हुए 35वें राष्ट्रीय खेलों में सिल्वर जीतनेवाले आलोक को संघर्ष के दिनों में मनरेगा मजदूरी के अलावा दिहाड़ी मजदूरी भी करनी पड़ी.
आलोक ने बताया कि पिता नामकुम स्थित लॉन बॉल स्टेडियम के इंचार्ज हैं और मां गृहिणी. एक भाई और एक बहन हैं. वे दोनों भी लॉन बॉल के खिलाड़ी हैं. उन्होंने बताया कि जब घर की आर्थिक स्थिति खराब हुई, तो तीनों भाई-बहनों को मजदूरी करनी पड़ी.
खिलाड़ियों के लिए बुधवार का दिन ऐतिहासिक रहा. 20 साल में पहला मौका है, जब खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति की गयी है. 27 खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सौंपा. मौके पर उन्होंने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है. इस कड़ी में पहले सभी जिलों में खेल पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी और अब प्रतिभाशाली तथा राष्ट्रीय -अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश और राज्य का नाम रोशन करनेवाले खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया.
इन खिलाड़ियों ने न्यूनतम संसाधनों के बाद भी जो मुकाम हासिल किया है, वह निश्चित रूप से तारीफ के काबिल है . सीएम ने कहा कि झारखंड में खेल लोगों के रग-रग में बसा है. बस उसे तराशने की जरूरत है . इस दिशा में सरकार ने काम शुरू कर दिया है. आनेवाले दिनों में खेलों और खिलाड़ियों के लिए यह मील का पत्थर साबित होगा . उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों को अब आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम सरकार ने शुरू कर दिया है. खिलाड़ियों को तलाशने और तराशने के साथ उन्हें सरकार का हिस्सेदार बनाया जायेगा. सीएम ने कहा कि जिन खिलाड़ियों को आज नियुक्ति पत्र नहीं मिला है, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.
सरकार जल्द ही नयी कार्ययोजना के साथ सामने आयेगी. तब सभी खिलाड़ियों को मौका मिलेगा. सीएम ने कहा कि राज्य में जल्दी ही विभिन्न खेलों से संबंधित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा. खेल सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि खिलाड़ियों की गृह विभाग में आरक्षी के पद पर नियुक्ति की गयी है. मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का और डीजीपी नीरज सिन्हा भी उपस्थित थे.
कांके निवासी कराटे की गोल्डन गर्ल विमला मुंडा झारखंड में 2011 में हुए 34वें नेशनल गेम्स में सिल्वर और अक्षय कुमार के इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड जीत चुकी हैं. कॉमर्स में स्नातक तक पढ़ाई कर चुकी विमला फिलहाल प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयार कर रही हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि परिवार चलाने के लिए कांके के पतरागोंदा में उन्हें हड़िया तक बेचना पड़ा. नेशनल कराटे चैंपियनशिप में विमला कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. वह कांके में अपने नाना के घर रहती हैं. अब वह पुलिस बनकर राज्य की सेवा भी करेंगी और अपने परिवार का भरण पोषण भी करेंगी
राज्य में पहली बार सब जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप के आयोजन में खेल मंत्री हफीजुल हसन की भूमिका भी सराहनीय रही. इस प्रतियोगिता में 22 राज्यों की टीम हिस्सा ले रही है. वहीं खिलाड़ियों की सीधी नियुक्ति मामले में भी उनकी भूमिका अहम रही.
लखी मंडल तीरंदाजी
मनीषा सिंह ताइक्वांडो
वासिउल हसन हैंडबॉल
कुमारी प्रियंका वुशु
इंदु मुंडा वुशु
अपर्णा कुमारी कराटे
जयलक्ष्मी लागुरी तीरंदाजी
कविता कुमारी लॉनबॉल
नवीन कु राम साइक्लिंग
खिलाड़ी खेल
देवानंद बास्के कराटे
सीमा कु सिन्हा कराटे
तुलसी हेंब्रम तीरंदाजी
राहुल मिंज वुशु
ज्योति कुमारी वुशु
दीपक बहादुर तितुंग वुशु
राम कुमार भट्ट साइक्लिंग
आलोक लकड़ा लॉनबॉल
मो अबुतालिब लॉनबॉल
खिलाड़ी खेल
राजीव कु साहू लॉनबॉल
नूतन मंजू मिंज लॉनबॉल
परवीन अख्तर ताइक्वांडो
प्रीति कुमारी ताइक्वांडो
विमला मुंडा कराटे
फनी भूषण ताइक्वांडो
सुमनलता मुर्मू तीरंदाजी
संगीता खलखो बॉक्सिंग
Posted By : Sameer Oraon