केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सात जनवरी को चाईबासा आयेंगे. इस पर झामुमो ने कहा कि भाजपा की फील्ड में स्थिति खराब हो गयी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि श्री शाह का आना संयोग नहीं है, बल्कि भाजपा का डर है. राज्य सरकार के काम से भाजपा को यह समझ आ गया कि आगामी लोकसभा चुनाव की दिशा और दशा क्या होगी. 16 माह पहले उनको राजनीतिक क्लास करनी पड़ रही है. वह भी ऐसे संसदीय क्षेत्र में जहां उनका कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं है.
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि वे चाहते हैं कि अमित शाह जी वस्तुस्थिति से अवगत हों. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 राजनीतिक तौर पर पार्टी के लिए संकल्प होगा कि 2024 में झारखंड भाजपा से मुक्ति का वर्ष बने. अमित शाह जितना भी भटक लें 2024 में कहीं अटक नहीं पायेंगे. श्री भट्टाचार्य ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर कहा कि वे डरे व हताश हैं. वे बता नहीं पा रहे हैं कि रघुवर शासन काल में नियुक्ति क्यों नहीं हुई थी. कहां गया मोमेंटम झारखंड. कहां गया रोड शो?
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बात को कहा भी है कि जब भी कोई आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक यदि अपने वजूद के साथ राज करेगा, तो उसको चुनौती देने वाले लोग बड़ी संख्या में संगठित हो जाते हैं. पूरे कोरोना काल के बाद एक भ्रम की स्थिति यहां पर तैयार की गयी, ताकि विकास न हो पाये. लोगों की जरूरत न पूरी हो पाये. उसमें राजभवन भी शामिल हुआ. बिना आशय के छत्तीसगढ़ में जाकर राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में एटम बम फूट सकता है. केंद्रीय एजेंसियों का कहीं किसी राज्य में उनके लिए कोई काम ही नहीं बचा. लेकिन हम घबरानेवालों में से नहीं हैं. पूरी मजबूती से लड़ेंगे और 2024 में भाजपा का खात्मा इस राज्य से कर देंगे.