रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. विधायक से लेकर जिलाध्यक्षों तक में नाराजगी देखी जा रही है. विधायकों ने मंत्री व संगठन के खिलाफ मोर्चा भी खोल रखा है. पार्टी के आधा दर्जन से अधिक विधायक दिल्ली दरबार में शिकायत को लेकर जाने की बात कह रहे हैं. पिछले दिनों कांग्रेस कोटे के मंत्रियों को छह-छह जिलों का प्रभार दिये जाने को लेकर विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री ने प्रभारी अविनाश पांडेय के समक्ष खुल कर अपनी बातें रखी थी.
कहा गया था कि मंत्रियों के जिम्मे कई काम होते हैं. अगर वे जिलों का दौरा ही करते रहे, तो बाकी काम कैसे होगा? यह काम जिला प्रभारियों को दिया जाये. इस बात का समर्थन मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी किया था. पार्टी में अंदरूनी कलह की वजह से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से चलाये जा रहे विशेष सदस्यता अभियान का काम भी प्रभावित हुआ है. 15 दिनों का समय बढ़ाने के बावजूद प्रदेश कांग्रेस कमेटी अपने लक्ष्य का 50 प्रतिशत भी पूरा नहीं कर पायी है.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इस अभियान के तहत 15 लाख नये सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. पहले यह लक्ष्य 31 मार्च 2022 तक के लिए ही निर्धारित किया गया था. इसके बाद इसकी तिथि 15 दिनों बढ़ा दी गयी है. इस अभियान को खत्म होने में अब सिर्फ पांच दिनों का समय बचा है. ऐसे में लक्ष्य हासिल करने पार्टी के लिए चुनौती भरा काम है.
विशेष सदस्यता अभियान को लेकर प्रभारी अविनाश पांडेय के निर्देश पर जिलों में समन्वयक, को-ऑर्डिनेटर व प्रभारी बनाये गये हैं. इसको लेकर जिलाध्यक्षों में नाराजगी है. इनका कहना है कि जब जिलों में पूरी कमेटी काम कर रही है तो फिर से नये लोगों को जिम्मेदारी देने का औचित्य क्या है? पार्टी जिलाध्यक्षों का कद छोटा करने का काम कर रही है. समन्वयक व जिलाध्यक्षों को समन्वय की कमी का असर विशेष सदस्यता अभियान पर देखने को मिल रहा है. प्रदेश नेतृत्व ने जब जिलाध्यक्षों से रिपोर्ट ली, तो उन्होंने इस संबंध में खुल कर अपनी बातें रखी हैं.
Posted By: Sameer Oraon