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दूरदर्शन बना स्कूल, झारखंड के 42 लाख बच्चों के टीचर आए, बदली क्लास और हुई पूरे दिन पढ़ाई

jharkhand school education and literacy department conducts classes for 4.2 million students on doordarshan रांची : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड (School Education and Literacy Department Jharkhand) ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया है. 42 लाख बच्चों के लिए दूरदर्शन (Doordarshan) पर कक्षाएं शुरू की गयी हैं. जब स्कूल पूरी तरह बंद हैं, शिक्षा विभाग (Education Department) ने दूरदर्शन के जरिये बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया. इसमें कई गैर-सरकारी संस्थाओं की मदद ली गयी है. वैश्विक संकट की इस घड़ी में ऐसे प्रयोग से शिक्षा विभाग के अधिकारी भी रोमांचित हैं.

रांची : कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड (School Education and Literacy Department Jharkhand) ने एक अभिनव प्रयोग शुरू किया है. 42 लाख बच्चों के लिए दूरदर्शन (Doordarshan) पर कक्षाएं शुरू की गयी हैं. जब स्कूल पूरी तरह बंद हैं, शिक्षा विभाग (Education Department) ने दूरदर्शन के जरिये बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया. इसमें कई गैर-सरकारी संस्थाओं की मदद ली गयी है. वैश्विक संकट की इस घड़ी में ऐसे प्रयोग से शिक्षा विभाग के अधिकारी भी रोमांचित हैं.

सोमवार (11 मई, 2020) से इस प्रोग्राम की शुरुआत हुई. दूरदर्शन रांची पर प्रसारित होने वाला कार्यक्रम तीन घंटे का है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने बाकायदा एक रूटीन चार्ट तैयार किया है. इसी के आधार पर दूरदर्शन पर वीडियो का प्रसारण किया जा रहा है. तीन घंटे के कार्यक्रम को तीन हिस्से में बांटा गया है.

एक हिस्से में पहली से पांचवीं तक के सिलेबस के आधार पर तैयार वीडियो का प्रसारण हुआ, तो दूसरे हिस्से में छठी से नौवीं और तीसरे हिस्से में दसवीं और ग्यारहवीं के छात्रों से जुड़ी सामग्री का प्रसारण किया गया.

झारखंड के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर (एसपीओ) डॉ अभिनव कुमार ने बताया कि उनके लिए और शिक्षा विभाग दोनों के लिए यह एक अलग तरह का अनुभव है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए ऐसा प्रयोग किया गया है. इसके लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले कई संगठनों की मदद ली गयी.

डॉ कुमार ने बताया कि विभाग ने एक सप्ताह का रूटीन तैयार किया है. सोमवार से शुक्रवार (11 मई से 15 मई, 2020) तक का रूटीन तैयार हो गया है. इसका वीडियो भी तैयार है, जिसे हर दिन दूरदर्शन के रांची केंद्र से प्रसारित किया जायेगा. राज्य के 42 लाख छात्रों को जोड़ने की जिम्मेदारी 1.23 लाख शिक्षक-शिक्षिकाओं और 3200 बीआरपी-सीआरपी पर है. इन सभी लोगों को तीन दिन पहले से ही इस संबंध में जानकारी दे दी गयी थी.

स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर ने बताया कि इस संबंध में पत्र भी जारी किया गया, ताकि अधिक से अधिक छात्र इस कार्यक्रम का लाभ ले सकें. इसके प्रचार-प्रसार के लिए स्टिकर का भी वितरण किया गया है. हालांकि, डॉ कुमार यह नहीं बता पाये कि पहले दिन कितने बच्चों ने इसका लाभ लिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस क्लास से कितने बच्चे लाभान्वित हुए, इसका पता लगाने वाला कोई मैकेनिज्म अभी तक न तो शिक्षा विभाग के पास है, न ही दूरदर्शन के पास.

डॉ कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक बच्चों तक पहुंचने के उद्देश्य से इस तरह के क्लास की शुरुआत की गयी है. विभाग को उम्मीद है कि बच्चों को इसका लाभ होगा. उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले संगठनों प्रथम, यूनिसेफ, संपर्क फाउंडेशन, डिजि-साथ : अब पढ़ाई नहीं रुकेगी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, सेंट्रल स्क्वायर फाउंडेशन, पीरामल नॉलेज एक्शन केयर और इकोवेशन की मदद ली गयी है. इन संगठनों के पास पहले से ही कुछ वीडियो कंटेंट मौजूद थे, जिसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया. राज्य के सरकारी शिक्षकों ने भी कुछ वीडियो तैयार किये हैं.

अभिनव कुमार कहते हैं कि शिक्षकों में भी कंटेंट तैयार करने की रुचि जगी है. कई विषयों के वीडियो की शूटिंग चल रही है, जिसे दूरदर्शन पर प्रसारित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बच्चों के फायदे के लिए बाहरी कंटेंट लेकर उसे सिलेबस से मैप कर रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो.

सोमवार को कक्षा 6 के बच्चों को संख्याओं की जानकारी के बारे में पढ़ाया गया, तो 7वीं के बच्चों को पूर्णांक की जानकारी दी गयी. कक्षा 8 में परिमय संख्या की जानकारी दी गयी, तो नौवीं के बच्चों को संख्या पद्धति के बारे में पढ़ाया गया.

10वीं और 11वीं के बच्चों को अंक गणित की आधारभूत प्रमेय, भाज्य संख्या की परिभाषा, लघुत्तम और महत्तम के अलावा सेट्स (समुच्चय) के बारे में बताया गया और इससे जुड़े सवालों को हल करना सिखाया गया. शिक्षा विभाग ने 11 मई से 10 जून, 2020 तक के लिए यह कार्यक्रम तैयार किया है.

हर दिन पूर्वाह्न 10:00 बजे से 2:00 बजे तक कक्षाएं चलेंगी. 10:300 बजे से 10:30 के बीच सभी कक्षाओं के लिए ‘मीना की कहानी एवं जीवन कौशल’ का पाठ पढ़ाया जा रहा है. 10:30 से 11:00 बजे के बीच पहली से पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. 11:00 से 12:00 बजे तक 6 से 9 एवं 11 के बच्चों की पढ़ाई होती है, जबकि अपराह्न 1:00 बजे से 2:00 बजे के बीच कक्षा 10वीं एवं 12वीं के बच्चों की.

कार्यक्रम के प्रसारण के बाद दूरदर्शन झारखंड ने अपने यूट्यूब चैनल पर सभी वीडियो को अपलोड कर दिये, ताकि जो बच्चे टीवी पर प्रसारण नहीं देख पाये, वे यहां से पढ़ाई कर सकें. दूरदर्शन ने 11 मई, 2020 को 4 वीडियो अपलोड किये. इसमें एक वीडियो 25:55 मिनट का है, तो दूसरा वीडियो 1 घंटा 31 सेकेंड का, तीसरा 28:15 मिनट का और चौथा वीडियो 57:32 मिनट का है.

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