रांची : अपना झारखंड आज 21 वर्ष का हो गया़ सपनों और उम्मीदों के 21 वर्ष पूरे हुए़ संघर्ष और शहादत ने झारखंड को राज्य के रूप में पहचान दिलायी़ वर्ष 2000 में धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती के साथ झारखंड गठन का सुखद संयोग बना है.
पिछले 21 वर्षों में अपने राज्य ने विकास और उपलब्धियों का प्रतिमान भी गढ़ा है. बीहड़ जंगल, पहाड़ों तक विकास ने नयी करवट ली है़ राज्य के सुदूर आदिवासी इलाके में भी बदलाव आया है़ आधारभूत संरचना से लेकर कला-संस्कृति और खेल के क्षेत्र तक में झारखंड ने भारत के नक्शे पर जगह बनायी है़ ऐसे बड़े 21 बदलावों की कहानी, बढ़ते-खुशहाल झारखंड की कहानी.
झारखंड स्थापना दिवस समारोह का आयोजन सोमवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सभागार में होगा. मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे. मुख्यमंत्री भगवान बिरसा की जयंती के मौके पर खूंटी के उलीहातू में आयोजित समारोह में भी हिस्सा लेंगे. मुख्यमंत्री कई नयी परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे. इसी दिन से राज्य में आपके अधिकार-आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरुआत भी होगी.
राज्य के देवघर में एम्स की शुरुआत की गयी है. तीन नये और दो निजी मेडिकल कॉलेज स्थापित हुए हैं. राज्य में 15 निजी अस्पताल भी तैयार हुए हैं, जिसमें आधा दर्जन सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल हैं. कोरोना काल में राज्य सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में खुद को मजबूत बनाया है़
रोड घनत्व 67.74 से बढ़कर 162.27 हुआ. पथ विभाग की 5400 किमी से बढ़ कर 12936 किमी सड़क हो गयी. 11500 किमी से अधिक सड़क का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और राइडिंग क्वालिटी में सुधार हुआ. 240 उच्चस्तरीय पुलों का निर्माण हुआ. ग्रामीण इलाकों में 2100 छोटे पुल-पुलिया बने. एनएच की 250 किमी सड़क फोर लेन की हुई. राज्य में 60 किमी सड़क सिक्स लेन की बनी.
हर दिन मनरेगा से 500000 से ज्यादा को रोजगार मिल रहा है. महिलाओं की भागीदारी रोजगार में 40 प्रतिशत से अधिक हुई. मनरेगा से करीब 1600000 योजनाएं पूरी हुईं. 250000 लाख से अधिक सखी मंडल की महिलाअों के माध्यम से दूसरी महिलाएं मजबूत हो रही हैं. करीब 6500 तालाब व चेक डैम का निर्माण हुआ. 4250 पंचायतों में पंचायत भवन बनाये गये. 26200 से अधिक गांवों को सड़कों से जोड़ा गया.
झारखंड अलग राज्य बनने के पहले राज्य में कुल 11 ग्रिड सबस्टेशन थे. 21 वर्षों में कुल 39 ग्रिड सबस्टेशन हो गये हैं. गढ़वा में पहली बार झारखंड की बिजली पहुंची. आजादी के बाद संपूर्ण चतरा को बिजली मिलने लगी. हाल ही में सरकार ने इटखोरी ग्रिड का उदघाटन किया है. पतरातू थर्मल पावर स्टेशन ज्वाइंट वेंचर में इसे एनटीपीसी को दे दिया है. झारखंड में ट्रांसमिशन नेटवर्क की क्षमता 8905 मेगावाट की हो गयी है
झारखंड विधानसभा का नया भवन बना और ज्यूडिशियल अकादमी तैयार हुई. पलामू, दुमका व हजारीबाग में मेडिकल काॅलेज का निर्माण हुआ. दिल्ली में नये झारखंड भवन का निर्माण कार्य चल रहा है
राज्य में निवेश के लिए कुल एमओयू 161 हुए. अब तक कुल 113423 करोड़ निवेश किये गये. कुल 111183 को रोजगार मिला. राज्य में एमओयू हुए और कुल 370 703704 करोड़ निवेश का प्रस्ताव है़
राज्य में इस समय सिंचाई क्षमता 32 फीसदी (राष्ट्रीय औसत 35.4 फीसदी) है, जो राज्य गठन के समय मात्र 14 फीसदी के आसपास थी. वर्षों बाद शुरू हुई कोयला परियोजना, जिससे बिहार और झारखंड को मिलेगा पानी
जल जीवन मिशन के तहत चालू वित्तीय वर्ष में हर घर में नल से जल पहुंचाने में झारखंड की प्रगति पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ से बेहतर है. राज्य के 492 गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच चुका है, जहां झारखंड की प्रगति की दर 19.9% है, वहीं छत्तीसगढ़ में प्रगति मात्र 5.9% है.
राज्य में धान की उत्पादकता राष्ट्रीय औसत से अधिक (राष्ट्रीय 2475 व झारखंड का 2841 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर). वर्ष 2002 में धान का उत्पादन करीब 22 हजार एमटी था. अब करीब 70 हजार एमटी है. राज्य मछली उत्पादन में काफी आगे बढ़ा. अभी करीब 208 हजार टन मछली का उत्पादन हो रहा है.
मैट्रिक में परीक्षार्थी का पास प्रतिशत 95 फीसदी हुआ. राज्य के 94 फीसदी स्कूलों तक बिजली कनेक्शन पहुंचा, 95 फीसदी सरकारी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध है. राज्य में स्कूलों की संख्या 20 हजार से बढ़कर 35447 हो गयी है. राज्य गठन के समय शिक्षकों की संख्या 45 हजार थी, आज लगभग 1.17 लाख शिक्षक हैं.
रांची विवि से विभाजित कर कोल्हान विवि व नीलांबर-पीतांबर विवि की स्थापना हुई. केंद्रीय विवि, आइआइएम, ट्रिपल आइटी, जेयूटी, नेशनल यूनिवर्सिटी अॉफ स्टडी एंड लॉ रिसर्च, झारखंड रक्षा शक्ति विवि, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि, विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि, जमशेदपुर में महिला विवि के साथ ही दुमका, पलामू, जमशेदपुर व रामगढ़ में नये इंजीनियरिंग कॉलेज और चतरा, गोड्डा, जामताड़ा, हजारीबाग, खूंटी, पलामू, लोहरदगा व बगोदर में नये पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले गये
हर साल आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन करोड़ हुई . 130 से ज्यादा पर्यटक स्थलों का विकास किया जा रहा है. टूरिज्म सर्किट विकसित किये जा रहे हैं. रिलीजियस, हैरिटेज और इको टूरिज्म विकसित हो रहा है. ईंटखोरी में दुनिया का सबसे ऊंचा बौद्ध स्तूप बनाने की तैयारी है.
खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से इस वर्ष सोना-सोबरन धोती-साड़ी योजना शुरू की गयी है. इसके तहत राज्य के 58.95 लाख लाभुक परिवार को खाद्य के साथ-साथ 10 रुपये में साड़ी-धोती या लूंगी का वितरण किया जा रहा है. 58 लाख से ज्यादा परिवारों तक अनाज पहुंच रहा़
एसटी, एससी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए भेजा जा रहा विदेश, मैट्रिक पास करने वाले सभी बोर्ड के विद्यार्थियों को दी जा रही है सहायता राशि. यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा पास करनेवाले अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए वित्तीय मदद और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए 50 हजार से 25 लाख रुपये तक दिलाया जा रहा है लोन
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 72 हजार वार्षिक आय वालों को 30 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है. तेजस्विनी क्लबों के तहत 10 लाख किशोरियों और युवतियों को जोड़ा जा रहा है. वन स्टॉप सेंटर के तहत हिंसा से पीड़ित महिलाओं को चिकित्सीय सहायता, परामर्श, कानूनी सहायता, पुलिस सहायता और अल्पावास की सुविधा मिल रही है.
– डॉ रामदयाल मुंडा राजकीय कला भवन के जरिये सांस्कृतिक कौशल के विकास की कोशिश हो रही है. गांवों में अखड़ा के माध्यम से सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ायी जा रही हैं . कलाकारों के लिए विशेष अनुदान का प्रबंध किया गया. अमर शहीदों की शौर्य गाथा भगवान बिरसा मुंडा स्मृति संग्रहालय कह रहा है. राजधानी में रवींद्र भवन जल्द तैयार होगा.
रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो जैसे शहरों की तुलना में देवघर, हजारीबाग, रामगढ़ समेत अन्य शहरों में विकास की गति तेज हुई. ट्रांसपोर्ट नगर और आइएसबीटी के निर्माण की पहल हो रही है. शहरों में सिटी बसें चल रही हैं. रांची में बन रही स्मार्ट सिटी में 1029 करोड़ रुपये की लागत से 18 योजनाओं पर काम चल रहा है.
राज्य गठन के समय झारखंड में प्रति व्यक्ति आय छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के मुकाबले काफी कम था. वर्ष 2001 में राज्य में प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 9,980 रुपये ही था. जनगणना आंकड़ों के अनुसार 2011 में झारखंड की प्रति व्यक्ति आय 21,734 रुपये हो गयी. बजट आकार के मामले में भी झारखंड की स्थिति बेहतर है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्तराखंड का बजट आकार 57,400.32 करोड़ रुपये है. छतीसगढ़ का97,106.45 करोड़ रुपये है. झारखंड का इससे कुछ ही कम यानी 91,277 करोड़ रुपये है.
19. साहित्य, कला के क्षेत्र में
20. बेटियों ने नाम रौशन किया
21. खेल के क्षेत्र में कीर्तिमान बनाये
Posted By : Sameer Oraon