रांची : कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन में फंसे झारखंड के लोगों को अपने घर लाने के लिए कई स्पेशल ट्रेनें चलीं. अब तक 60 हजार से अधिक लोग अपने घर पहुंच चुके हैं. बड़ी संख्या में लोगों को वापस लाने की तैयारी चल रही है. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने नये तरीके से कोरोना का मुकाबला करने के संकेत दिये हैं.
श्री कौशल ने कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है. लोगों को जागरूक करना होगा कि वे खुद ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करें. इसके लिए ग्राम प्रमुख, मुखिया, आंगनबाड़ी सेविका, चौकीदार, स्कूल कमेटी, शिक्षक व अन्य को घर-घर तक जानकारी पहुंचाने का कार्य दिया जा रहा है.
इसके पहले झारखंड में कोरोना वायरस संबंधित मामलों के मुख्य नोडल पदाधिकारी एवं प्रमुख सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि राज्य के 60 हजार प्रवासी मजदूरों एवं अन्य लोगों को देश के विभिन्न भागों से 44 ट्रेनों से वापस लाया जा चुका है. प्रवासी लोगों की वापसी के लिए ऐसी 56 और ट्रेनें चलेंगी.
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अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा, ‘राज्य सरकार अन्य राज्यों एवं केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों की वापसी करा रही है. वहीं सभी जिलों के उपायुक्त बस से प्रवासी मजदूरों को अपने जिलों में वापस ला रहे हैं. 14 मई तक राज्य में 60 हजार से अधिक लोग वापस आ चुके हैं.’ उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में भारत सरकार द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है.
राज्य स्तरीय यातायात सचिव के रवि कुमार ने कहा कि अभी तक बसों से लगभग 30 हजार लोग राज्य में वापस आ चुके हैं. वहीं, 44 ट्रेनें विभिन्न राज्यों से झारखंड आयी हैं और 56 ट्रेनें और आयेंगी. उन्होंने बताया कि अभी तक 50,028 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से वापस आये हैं. राज्य में निजी वाहनों से भी आवागमन के लिए पास जारी किये जा रहे हैं. अभी तक कुल 1,04,403 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 95 प्रतिशत आवेदनों पर विचार कर कार्रवाई की गयी है.
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आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव अमिताभ कौशल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देश के बाद कई राज्यों से लोगों की वापसी हो रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करना होगा कि वे खुद ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार के निर्देशों का पालन करें. इसके लिए ग्राम प्रमुख, मुखिया, आंगनबाड़ी सेविका, चौकीदार, स्कूल कमेटी, शिक्षक व अन्य को घर-घर तक जानकारी पहुंचाने का कार्य दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि निषिद्ध क्षेत्र के लिए दिशा-निर्देश अलग से जारी किये गये हैं. ऐसे क्षेत्रों में सभी लोग घर में ही अलग रहेंगे. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से फंसे मजदूरों की सहायता के लिए झारखंड के विभिन्न जिलों को 16 करोड़ 70 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी गयी है.
उन्होंने यह भी बताया कि पृथक-वास केंद्र में रह रहे लोगों को स्पेशल पैकेट दिया जा रहा है, जिसमें 10 किलोग्राम चावल, एक किलोग्राम अरहर दाल, एक किलोग्राम चना दाल, एक पैकेट तेल और एक किलोग्राम नमक शामिल है.