हजारीबाग जिला अंतर्गत बरही में चक्रवाती तूफान यास का असर देखा गया. लगातार दो दिन की बारिश में कई मिट्टी के घर गिर गये. वहीं, केदारुत पंचायत के ग्राम घियाही में अब्दुल वारसी के मिट्टी का घर का बाहरी दीवार ध्वस्त गया. जबकि खोड़ाहर पंचायत के ग्राम कुंडुवा में छोटन राणा के घर का द्वार कई जगह से टूट गया. इसके कारण घर में पानी घुस गया. घर की महिलाओ को पानी निकाल कर बाहर फेंकने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी. दूसरी ओर, ग्राम पड़रिया में भिखलाल यादव व कैलाश यादव के घर के पास बारिश का पानी जमा होने से दोनों के मिट्टी का घर पर खतरा मंडराने लगा.
हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव प्रखंड क्षेत्र में चक्रवाती तूफान के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया. जिस कारण दर्जनों गांव प्रखंड मुख्यालय से कट गया. कोराना काल में लोगों को अस्पताल व बाजार जाने के लिए परेशानी बढ़ गयी है. प्रखंड क्षेत्र की कई छोटी नदियों के ऊपर आज तक पुल नहीं बना है जो परेशानी का सबब है. नदियों का जलस्तर बढ़ जाने के कारण कई मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में परेशानी हो रही है.
चक्रवाती तूफान यास से गुरुवार को गुमला जिले में भारी नुकसान हुआ है. एक दर्जन से अधिक कच्ची मिट्टी का घर ध्वस्त हो गया. प्रशासन ने कई लोगों को स्कूल भवन में आश्रय दिया है. खाने-पीने की भी व्यवस्था की. वहीं, चैनपुर के कुरूमगढ़ में सड़क निर्माण के लिए बनाये गये डायवर्सन तेज बारिश में बह गया. एक गाड़ी फंस गयी थी. जिसे बड़ी मुश्किल से निकाला गया. पालकोट, जारी, डुमरी, चैनपुर व रायडीह में दो दिनों से बिजली नहीं है. 50 से अधिक पेड़ टूटकर गिरे हैं. कुछ स्थानों पर सड़क जाम हुआ था, लेकिन ग्रामीणों ने पेड़ को काटकर रास्ता को आवागमन के लिए खाली किया है. गुमला पहुंची एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में लगी है.
रांची जिले के कांची नदी पर नवनिर्मित पुल तेज पानी की धार को बर्दाश्त नहीं कर पाया और क्षतिग्रस्त हो गया. हेठबुढ़ाडीह और हाराडीह मंदिर को जोड़ने वाली कांची नदी पर बने पुल जो बुंडू, तमाड़, सोनाहातू, और राहे प्रखंड को जोड़ती है, आज दोपहर में क्षतिग्रस्त हो गया. मालूम हो कि इस पुल का निर्माण तीन वर्ष पूर्व हुआ है. पुल का संपर्क रोड भी नहीं बना है तथा अभी इसका विधिवत उद्घाटन भी नहीं हुआ है.
रांची न्यूज (दिनेश पांडेय) : रांची के खलारी में भी यास चक्रवाती तूफान का असर देखा जा रहा है. खलारी से गुजरने वाली नदियां सोनाडुबी, सपही, दामोदर सहित बड़े नाले पूरे उफान पर हैं. जिन नदियों की धाराएं रेत के अंदर चली गई थी, वे पूरे वेग से बह रही हैं. लगातार हो रही बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
लातेहार में धरधरी नदी के दूसरे छोर पर आरवीएनएल द्वारा तीसरा रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे कुछ मजदूरों ने बोलेरो को बहता देख उसे रस्सी से बांध कर बचायी. गुरूवार को भी बोलेरो नदी में ही रस्सी के सहारे बंधा हुआ था. पानी के कारण उसे निकाला नहीं जा सका है.
लातेहार की धरधरी नदी में पुल नहीं है, जिसक कारण लोग नदी को पार कर ही आवागमन करते हैं. बाराती वाहन नदी के किनारे पहुंचा तो चालक को लगा कि पानी कम है और गाड़ी निकल जायेगी. इसके बाद चालक बाराती समेत बोलेरो पार करने लगा तभी नदी के तेज बहाव से गाड़ी बहने लगी और बाराती चिल्लाने लगे. पानी के बहाव से बोलेरो पलट गयी. इसके बाद बोलेरो चालक समेत उसमें सवार बाराती गुठल प्रजापति, नंददेव प्रजापति व सीताराम प्रजापति ने कूद कर अपनी जान बचायी.
बोलेरो पर सवार सभी बाराती ने कूद का अपनी जांच बचायी. जानकारी के अनुसार लातेहार प्रखंड के हेसला गांव में कृष्णा प्रजापति के बेटे प्रेम प्रजापति की बारात बुधवार को गढ़वा जिला के कल्याणपुर के लिए गांव से निकली थी. बुधवार को यास तूफान के कारण लगातार होने वाली बारिश के कारण पास के ही धरधरी नदी में बाढ़ आ गयी.
लातेहार (चंद्रप्रकाश सिंह) : यास तूफान के प्रभाव से लगातार हो रही बारिश से कई नदियों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. बुधवार की देर शाम सदर प्रखंड के हेसला गांव के पास धरधरी नदी में बारात लेकर जा रही एक बोलेरो (यूपी64आर-0321) बह गई. हालांकि इसमें किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ.
सरायकेला-खरसावां जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त अरवा राजकमल द्वारा जानकारी दी गई कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर जिले के कुछ भागों में अगले दो से तीन घंटे मे हल्के दर्जे की मेघ गर्जन तथा वज्रपात के साथ हल्की बारिश होने की प्रबल संभावना है. उन्होंने सरायकेला खरसावां जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि अति आवश्यक कार्यों को छोड़कर अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकलें. उन्होंने कहा सुरक्षित रहें एवं अपने परिवार को सुरक्षित रखें.
चक्रवाती तूफान यास के प्रभाव के कारण लगातार हुई बारिश से क्षेत्र की सभी नदियां उफन गई हैं. राजनगर के प्रसिद्ध भीमखन्दा पर्यटन स्थल पर पानी भर गया है. बोंगबोंगा नदी पर पानी बढ़ने से पानी पूरे पर्यटन स्थल में आ गया है जिसके कारण भीम खन्दा मंदिर के अलावा बगल में चल रहे आवासीय स्कूल में भी पानी भर गया है, जिसके कारण स्कूल के 70 बच्चे बाढ़ के डर से स्कूल के छात्र भवन की छत पर शरण लिए हुए हैं.
सरायकेला में गुरुवार को बड़ी संख्या में लोग साप्ताहिक हाट में दुकान लगाने के पहुंच गए थे. जानकारी मिलने पर बीडीओ मुकेश मछुआ व थाना प्रभारी प्रकाश रजक हाट पहुंच कर दुकानों को बंद कराया. साथ ही साप्ताहिक हाट पहुंचे लोगों के साथ साथ दुकानदारों को वापस भेजा. मां आकर्षणी विकास समिति ट्रस्ट चिलकु द्वारा यास के मद्देनजर किसी भी आपदा से निपटने के लिए चिलकु, सुंदरनगर, गोपीडीह, लालबाजार, सुराजभटा से करीब 150 लोगों को विगत रात में आकर्षिणी गेस्ट हाउस में रहने के साथ-साथ भोजन की व्यवस्था कराया.
जिला मुख्यालय सरायकेला में भी काफी अनियमित रूप से बिजली की आपूर्ति हो रही है. बिजली के फॉल्ट को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया है. कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति शुरू भी कर दी गई है.बिजली की आपूर्ति में हो रही देरी से उपभोक्ताओं में काफी नाफी नाराजगी देखी जा रही है. खरसावां, कुचाई में आंधी से तीन बड़े पेड़ सड़क पर गिर गये थे. प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से इन पेड़ों को सड़क से काट कर हटा दिया गया. इसके बाद जा कर यातायात बहाल की गई.
सरायकेला में खरसावां व कुचाई में सोना नदी का जलस्तर बढ़ने से कई छोटे पुलिया डूब गए है. इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सदर एसडीओ रामकृष्ण कुमार ने नदियों में बढ़े जलस्तर का जायजा लिया. साथ ही लोगों से नदी किनारे में नहीं जाने की अपील की. चक्रवाती तूफान ‘यास’ का असर खरसावां-कुचाई क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति पर भी देखा गया. खरसावां-कुचाई के ग्रामीण इलाकों में मंगलवार रात से बिजली गुल है. मंगलवार को सुबह हल्की हवा चलने के साथ ही खरसावां में बिजली के मेन लाइन में फॉल्ट आ गयी थी. देर शाम इसे ठीक किया गया, परंतु रात में चक्रवात ‘यास’ के कारण हल्की हवा चलने के साथ ही खरसावां में बिजली के मेन लाइन में फॉल्ट आ गयी. इससे बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है.
चक्रवाती तूफान यास के कारण हुई बारिश से सरायकेला-खरसावां पानी-पानी हो गया है. नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं. सरायकेला होकर बहाने वाली खरकई, संजय, सोना व शुरू नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. संजय नदी में जल स्तर बढ़ने के कारण खरसावां-सरायकेला मुख्य मार्ग पर खपरसाई स्थित पुलिया डूब गई है. करीब सात फीट ऊपर पानी बह रहा है. इससे खरसावां व कुचाई प्रखंड का जिला मुख्यालय सरायकेला से संपर्क कट गया है.
चक्रवाती तूफान यास के कारण सबसे अधिक बारिश जमशेदपुर में हुई है. वहां बुधवार की शाम 5.30 बजे तक 56 मिमी के आसपास बारिश हुई थी. राजधानी सहित करीब-करीब पूरे राज्य में मंगलवार की देर रात से लगातार बारिश हो रही है. इससे राज्य के सभी जिलों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. रांची का अधिकतम तापमान 23.6 तथा जमशेदपुर का अधिकतम तापमान 26.2 डिग्री सेसि हो गया है. डालटनगंज का अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया.
रांची में चक्रवाती तूफान यास का बुधवार को झारखंड में असर दिखा. मंगलवार की रात से ही कई जिलों में लगातार बारिश हो रही है. पूर्वी सिंहभूम के सटे बहरागोड़ा, गालूडीह समेत कई पेड़ गिर गये हैं. वहीं, हजारीबाग के कटकमसांडी में सीमेंट लदा ट्रक पलट गया. रांची, लातेहार, सिमडेगा में बिजली आपूर्ति बाधित रही. हजारीबाग-बगोदर (एनएच-100) हुटपा गांव के पास पेड़ गिरने से आवागमन बाधित रहा. जिलों में लगातार बारिश के कारण जलजमाव की स्थिति रही. यातायात पर भी असर दिखा.
खरसावां (शचिन्द्र कुमार दाश) : चक्रवाती तूफान यास के कारण हुई बारिश से सरायकेला-खरसावां पानी-पानी हो गया है. नदियों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी हालात उत्पन्न हो गई है. सरायकेला हो कर बहाने वाली खरकई, संजय, सोना व शुरू नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है.
रांची के वरीय मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि दक्षिणी जिलों को बारिश से राहत मिल सकती है. 29 मई को आकाश में बादल छाये रह सकते हैं. 30 मई से मौसम के साफ होने की उम्मीद की जा रही है. जब तक राज्य में तूफान यास का असर रहेगा, तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस से अधिक की गिरावट आ सकती है.
रांची के वरीय मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि मध्य जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश का अनुमान है. शेष जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश होगी. 28 मई से तूफान यास का असर कम होने लगेगा. इससे राज्य के उत्तरी जिलों में बारिश हो सकती है.
रांची के वरीय मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि मध्य हिस्सों (रांची, खूंटी, गुमला, रामगढ़) में हवा की गति 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है. शेष हिस्सों में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक हवा की गति रहेगी. 27 मई को दक्षिणी जिलों के साथ-साथ पलामू, गढ़वा में भारी बारिश हो सकती है.
रांची के वरीय मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि हवा की गति 100 से ऊपर होने से जान-माल के नुकसान की आशंका बहुत होती है. अभी जो गति का पूर्वानुमान है, उससे नुकसान पहले की तुलना में कम होगा. श्री आनंद के अनुसार 27 मई की सुबह राज्य के दक्षिणी हिस्सों (पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां व सिमडेगा) में हवा की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है.
मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के वरीय मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद बताते हैं कि पूर्व में आये अनुमान में झारखंड में जो हवा की गति बतायी जा रही थी, वह थोड़ी कम हुई है. इससे नुकसान की संभावना भी कम है, लेकिन बारिश में कमी होने की उम्मीद नहीं है.
मौसम विभाग का कहना है कि पूर्व में जो अनुमान था, उससे यह कमजोर पड़ने लगा है, लेकिन लोगों को बारिश से राहत नहीं मिलेगी. पूर्व में मौसम केंद्र ने अनुमान किया था कि झारखंड में प्रवेश करते समय तूफान की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है, लेकिन अब यह झारखंड में 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी.
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान ने बुधवार देर रात झारखंड में दस्तक दे दी है. पश्चिम बंगाल से सटे सीमावर्ती जिलों से होता हुआ यह तूफान तेज रफ्तार हवा के साथ झारखंड में प्रवेश कर गया है. गुरुवार अहले सुबह इसके जमशदेपुर में रहने का अनुमान है. इस दौरान हवा की गति 80 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है. राजधानी में गुरुवार को इसका व्यापक असर दिखेगा.
चक्रवाती तूफान यास ओड़िशा और बंगाल में तबाही मचाने के बाद गुरुवार को दिन में राजधानी रांची में प्रवेश कर जायेगा. इस दौरान रांची में हवा की गति 50 से 70 किमी प्रति घंटे तक रह सकती है. मौसम विभाग ने राजधानी में लोगों को 27 मई को अलर्ट रहने को कहा है. यास के असर से मंगलवार शाम से राजधानी में लगातार बारिश हो रही है. मंगलवार से बुधवार देर रात तक करीब 100 मिमी बारिश हो चुकी है.
खूंटी जिले के रनिया की कारो नदी लबालब भर गई है. हालांकि कहीं से भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. अड़की में भारी बारिश के बाद अड़की और गम्हरिया का कनेक्शन टूट गया है.
खूंटी जिले में लगातार बारिश के कारण खेत और नदी में पानी भर गया है. बुधवार देर रात शहर के दतिया रोड में विशाल बरगद का पेड़ गिर गया. शहर के खूंटी टोली की गलियों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है. तूफान यास का असर
खूंटी (चंदन कुमार) – झारखंड के खूंटी जिले में भी यास तूफान का व्यापक असर रहा. लगातार 24 घंटे से अधिक समय से बारिश जारी है. हल्की-हल्की हवाओं के बावजूद पूरे जिले में 24 घंटे से अधिक समय से बिजली भी गुल है.
मौसम विभाग की मानें, तो चक्रवाती तूफान ने बुधवार की देर रात झारखंड में दस्तक दे दी है. पश्चिम बंगाल से सटे सीमावर्ती जिलों से होता हुआ यह तूफान तेज रफ्तार से हवा के साथ झारखंड में प्रवेश कर गया है. आज सुबह जमशेदपुर में रहने का अनुमान है.
Jharkhand Weather, Yaas Cyclone LIVE Update, रांची न्यूज : चक्रवाती तूफान यास ओड़िशा एवं बंगाल में तबाही मचाने के बाद आज गुरुवार को दिन में झारखंड की राजधानी रांची में प्रवेश कर जायेगा. इस दौरान रांची में हवा की गति 50-70 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है. मौसम विज्ञान विभाग ने आज 27 मई (गुरुवार) को लोगों को अलर्ट रहने को कहा है. आपको बता दें कि सुपर साइक्लोन यास के असर से राजधानी रांची में मंगलवार शाम से ही बारिश हो रही है.
Posted By : Guru Swarup Mishra