Jharkhand News: झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वे मणिपुर जायें, जहां पर उनके विधायक और मंत्री ही वहां की स्थानीय सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. अगर उनमें हिम्मत है, तो हमारे महिला पहलवानों के साथ शारीरिक शोषण, यौन शोषण के आरोपी भाजपा के दबंग सांसद ब्रजभूषण सिंह पर कुछ बोलें.
5000 लोग भी शामिल नहीं हुए
पत्रकारों से बात करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा गिरिडीह में जेपी नड्डा की सभा में 5000 लोगों का भी शामिल नहीं होना, उनकी बेइज्जती है. प्रदेश भाजपा चाहे तो अगली बार से झामुमो से कहे. हम 10-20 हजार आदमी उनके कार्यक्रम में भेज देंगे.
हम भी झारखंड से खनिज का उठाव रोक सकते हैं
केंद्र सरकार पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि वह फेडरल व्यवस्था को ध्वस्त करने में जुटी है. अब एफसीआई कर्नाटक में चावल नहीं बेचेगा. इसका मतलब हुआ कि गैर भाजपा सरकार जहां-जहां है, वहां- वहां अब केंद्र सरकार अपने तरीके से नीतियां बनायेगी. उन्होंने कहा कि हम अगर झारखंड से कोयला, तांबा, अबरख, यूरेनियम आदि खनिज को उठाने से मना कर दें, तो क्या होगा. क्या प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और जेपी नड्डा देश चला लेंगे. केंद्र सरकार इस तरह की हरकत बंद करे, नहीं तो हम उनको उनके ही अंदाज में जवाब देने को तैयार हैं.
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विधि व्यवस्था की सीख ना दें जेपी नड्डा
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि नड्डा जी यहां आकर विधि-व्यवस्था की सीख हमें देते हैं. उनके रहते हुए दिल्ली में चार-चार हत्याएं हो जाती हैं. इसके बारे में उन्हें पहले अपने गृह मंत्री से जवाब मांगना चाहिए. कहा कि हमारी सरकार ने कोरोना और तमाम तरह की विपरीत परिस्थितियों के बावजूद दो साल में 19,630 नियुक्तियां विभिन्न विभागों में की. पारा शिक्षकों को सहायक शिक्षक के रूप में मान्यता प्रदान की. आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाया. नियमावली बनायी. बहुत जल्द जेएससीसी के माध्यम से 21 हजार के करीब नियुक्तियां होंगी. अधियाचना भेज दी गयी है.
योग कार्यक्रम में सीएम के जाने का कार्यक्रम था ही नहीं
वहीं, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व सीएम रघुवर दास के उठाये सवाल का जवाब देते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा कि उन्हें कहां से पता चल गया कि योग कार्यक्रम में सीएम मुख्य अतिथि थे या उन्हें वहां जाना था. उन्होंने पीआरडी का घोषित कार्यक्रम का कागज दिखाते हुए कहा कि इसमें कहीं भी मुख्यमंत्री का नाम नहीं है. तो उन्हें पीआरडी का कौन अफसर यह बता दिया कि सीएम का नाम था. रघुवर जी अब तो जाग जाइए. क्योंकि यहां अब कादो खत्म हो गया है, इसलिए यहां कमल नहीं खिल सकता है.